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सूंघने और चखने की जरूरत नहीं, मोबाइल ही बता देगा शराब असली है या नकली
डिजिटल डेस्क, मुंबई। ब्रांडेड कंपनियों की शराब के नाम पर नकली शराब बेचे जाने की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर अब आबकारी विभाग ने नकली शराब की पहचान के लिए बारकोड स्कैन प्रणाली शुरु करेगा। राज्य के आबकारी मंत्री बावनकुले ने बताया कि एक ऐसा मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है। जिससे शराब की बोतलों पर अंकित बारकोड को स्कैन कर यह पता लगाया जा सकेगा कि शराब असली है अथवा नकली। उन्होंने बताया कि आगामी 15 अगस्त तक यह प्रणाली कार्य करने लगेगी। इमारतों की छतों पर चलने वाले होटलों में अब कुछ शर्तों के साथ शराब परोसी जा सकेगी। इज आफ डूईंग बिजनेस यानि कारोबार सुगमता के तहत आबकारी विभाग ने यह फैसला लिया। मद्य व्यवसाय को सुगम बनाने के लिए उत्पादन शुल्क विभाग की सेवाओं को आनलाईन करने के साथ ही कई तरह के नियमों को शिथिल किया गया है।
कुछ शर्तों के साथ शराब परोसी जा सकती है
राज्य के उत्पादन शुल्क मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को मंत्रालय स्थित पत्रकार कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि शराब बनाने से लेकर बिक्री से संबंधित लाईसेंस सहित अन्य सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया है। उन्होंने बताया कि रुफटॉप वाले होटलों में कुछ शर्तों के साथ शराब परोसी जा सकती है। इसके लिए शासनादेश जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस तरह की अनुमति केवल कमर्शियल इमारतों के लिए ही होगी। रुफटाफ वाले होटलों में रसाई घर नहीं बनाया जा सकेगा। मंत्री ने बताया कि मेक इन इंडिया नीति के तहत प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक सात सदस्यों वाली समिति बनाई गई थी। समिति ने शराब व्यवसाय से जुड़े लोगों से बातचीत कर उनके कामकाज को आसान बनाने के लिए कुछ सिफारिशे की हैं। समित ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सरकार की मंजूरी के बाद करीब 50 बिंदुओं पर कई तरह की रियायत दी गई है। इससे छोटे लाईसेंस जैसे कामों में लगने वाले समय की बचत होगी। उन्होंने बताया कि अब कई कामों के लिए मुख्य़ालय नहीं आना होगा। जिला स्तर के अधिकारियों को कई अधिकार दिए गए हैं। होटल उद्योग के लिए लगने वाला लाईसेंस आनलाईन प्राप्त किया जा सकता है। शराब निर्मिति उद्योग के लिए लगने वाले लाईसेंस, आवर टाईम के लिए अनुमति पत्र, लेबल के लिए मंजूरी जैसे कार्य अब स्थानिय स्तर पर हो सकेंगे। इससे अब उद्योगपतियों को हर कार्य के लिए मुख्यालय आने की जरूरत नहीं रहेगी। आबकारी मंत्री ने बताया कि 3 हजार जनसंख्या वाले गावों के लिए शराब लाईसेंस जारी किए जा रहे हैं।
व्यक्तिगत परमिट रद्द करने पर विचार
श्री बावनकुले ने बताया कि महाराष्ट्र छोड़ कर देश के किसी अन्य राज्य में शराब पीने के लिए लोगों को व्यक्तिगत परमिट नहीं लेना पड़ता। इस व्यवस्था के दुरुपयोग की लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं। लोगों की मांग है कि इसे खत्म किया जाए। इसे समाप्त करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। समिति लोगों से बातचीत कर इस बाबत अपनी सिफारिश देगी।
चंद्रपुर में शराब बंदी खत्म करने की मांग गलत
चंद्रपुर के नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर द्वारा चंद्रपुर में शराब पाबंदी खत्म करने की मांग को गलत बताते हुए आबकारी मंत्री बावनकुले ने कहा कि काफी सोच विचार के बाद वहां शराब बंदी का फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा कि इस जिले की करीब 70 फीसदी जनता शराब बंदी के पक्ष में थी। उन्होंने कहा की कांग्रेस सांसद ने फिलहाल सरकार से ऐसी कोई मांग नहीं की है। बावनकुले ने कहा कि उन्हें यह भी बताना चाहिए की कि वे किस आधार पर शराब बंदी खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
Created On :   30 May 2019 4:59 PM IST