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गुप्तधन पाने रचाया तीसरा ब्याह, पत्नी को भूखा रख करवाता था रोज पूजा-पाठ
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। गुप्तधन के लालच में एक शख्स ने तीसरी शादी कर ली। अघोरी विद्या से उटपटांग हरकतें करने का मामला अंधाश्रद्धा निर्मूलन समिति तक पहुंचा और अब समिति की पहल पर आरोपियों के खिलाफ जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार गड़चिरोली के आरमोरी निवासी एक युवती का विवाह चिमूर तहसील के सावरी बिडकर निवासी समीर कारेकार के साथ अगस्त 2018 में हुआ था। युवती व उसके परिवार से झूठ बोलकर आरोपियों ने युवती के साथ समीर कारेकार का तीसरा विवाह कराया था। तांत्रिक के कथनानुसार कुंवारी कन्या से गुप्तधन प्राप्त कराने की सलाह पर कारेकार परिवार ने युवती का उपयोग इस कार्य के लिए किया। कछुए को रोज नहलाना, उसकी पूजा करना, हर दिन व्रत रखना आदि के लिए उसे बाध्य किया जा रहा था। समीर के साथ उसका तीसरा विवाह होने की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता के पिता ने इसकी शिकायत पुलिस व अन्य विभाग से की परंतु पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। आखिरकार पीड़िता ने अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के पदाधिकारियों के माध्यम से पत्र परिषद लेकर अपनी यातनाओं को बयां किया। इस अंधश्रद्धा का भंडाफोड कर जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत करने के बाद मामला उजागर हुआ है।
अभाअंनिस के महाराष्ट्र संगठक हरिभाऊ पाथोड़े, अनिल दहागांवकर, नीलेश पाझारे, जगदीश बद्रे, धनंजय तावाड़े, रजनी कार्लेकर, मंगेश नैताम एवं पीड़िता ने बताया कि विवाह के बाद घर पहुंचते ही सास विमल आंगन में फिसलकर गिर गई। जिसके बाद उस पर अपशकुनी होने का आरोप लगाया जाने लगा, जो कि जादूटोना विरोध कानून की धारा 2(1) ख अनुसूची 6 के अनुसार अपराध है। दूसरे दिन से उसके साथ पत्नी जैसा बर्ताव न करते हुए उसका उपयोग अघोरी पूजा के लिए किए जाने की सीख दी गई। गुजगांव से दहीकर महाराज नामक तंत्रिक आकर नित नई-नई सलाह देने लगा। पीड़िता को रोज सुबह 3 बजे से दोपहर ढाई बजे तक भूखे-प्यासे सारी विधियां कराई जाने लगी। घर में मौजूद दरगाह की सफाई करना, कछुए को नहलाना, पूजा करना आदि काम कराए जाते रहे। इस बीच समीर के शरीर में बाबा का कथित प्रवेश होना और उसकी पिटाई को झेलना पड़ता था।
कछुए की पूजा से चांदी का नाग प्रसन्न होकर गुप्तधन प्राप्त होने की बात उससे कही जाती रही। पीड़िता इस विधि की जानकारी किसी अन्य को न दे पाए इसलिए उसका मोबाइल छीन लिया गया और जान से मारने की धमकियां दी जाती रही। लगातार 50 दिनों तक जुल्म सहने के बाद 8 अक्टूबर 2018 को उसके पिता मिलने आए तो पीडि़ता ने आपबीती बताई। वे अपने साथ उसे घर ले गए। अघोरी पूजा के लिए समीर ने यह तीसरा ब्याह रचाने की जानकारी पीड़िता को काफी दिनों बाद ज्ञात हुई। पीड़िता के पिता ने पुलिस, वन विभाग, पालकमंत्री, राज्य महिला आयोग आदि को शिकायतें दी परंतु किसी ने इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया। जादूटोना विरोधी धाराओं का उल्लंघन होता देख अभाअंनिस ने मामले को गंभीरता से लिया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए पुलिस से गुजारिश की है।
Created On :   10 July 2019 12:56 PM IST