Chandrapur News: सभी के सहयोग से बदलेगी इरई नदी की सूरत : डॉ. उइके

सभी के सहयोग से बदलेगी इरई नदी की सूरत : डॉ. उइके
  • पालकमंत्री ने किया नदी गहराईकरण अभियान का शुभारंभ

Chandrapur News चंद्रपुर शहर के प्रवेश द्वार पर इराई नदी का दर्शन होता है। जो शहर से 9 कि.मी. समांतर बहती है, ऐसे में उसे साफ-सुथरा और सुंदर होना चाहिए। लेकिन इरई नदी को गहरा और सुंदर बनाना सिर्फ एक व्यक्ति का काम नहीं है, इसमें शासन-प्रशासन के साथ-साथ सभी जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों के योगदान की आवश्यकता है। सभी के सहयोग से ही इरई नदी की सूरत बदलेगी, ऐसे विचार राज्य के आदिवासी विकास मंत्री तथा चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री डॉ. अशोक उइके ने व्यक्त किए। जिला प्रशासन की ओर से चलाए गए इराई नदी के गहराईकरण अभियान का शुभारंभ शुक्रवार को राज्य के आदिवासी विकास मंत्री तथा चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री डॉ. अशोक उइके के हाथों किया गया।

इस अवसर पर वे बोल रहे थे। इस अवसर पर सुधीर मुनगंटीवार, किशोर जोरगेवार, विनय गौड़ा, पुलकित सिंह, मनपा आयुक्त विपिन पालीवाल, चंदन पाटील, उपायुक्त मंगेश खवले, विजय राठोड, दगडू कुंभार आदि उपस्थित थे। डॉ.उइके ने आगे कहा कि, जिला प्रशासन ने इराई नदी के गहरीकरण की अच्छी योजना बनाई है और जनभागीदारी से यह अभियान निश्चित रूप से सफल होगा। यह अभियान आज से शुरू होकर 45 दिनों तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि, सिर्फ नाम के लिए विरोध करने से इराई नदी साफ नहीं होगी। इसलिए विपक्ष को भी इस अभियान में शामिल होना चाहिए, ऐसा कहा। इस अवसर पर पालकमंत्री डॉ.उइके ने मंत्री के रूप में मिलने वाला वेतन व भत्ता ऐसा 5 लाख रुपए का चेक इरई नदी गहरीकरण अभियान के लिए जिलाधिकारी को सौंपा।

इरई नदी के 17 कि.मी. के लिए दीर्घकालिक उपाय करें : मुनगंटीवार : विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि, नदी गहरीकरण के लिए विभिन्न स्रोतों से निधि जमा किया जाएगा। नागरिकों को नदियों के प्रति गंभीर होना चाहिए। मंत्री रहते हुए जल विशेषज्ञ राजेंद्र सिंह की मदद से राज्य की 108 नदियों के पुनर्जीवन का कार्य शुरू किया था। डब्ल्यूसीएल और सीटीपीएस का योगदान महत्वपूर्ण है, क्योंकि इराई नदी पर बहुत अधिक जल-भार जमा हो रहा है। ऐसे में इरई नदी के 17 कि.मी. क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि, वर्षा जल की प्रत्येक बूंद मिट्टी में समाहित हो, इसके लिए अच्छी योजना होनी चाहिए और यह अभियान निरंतर जारी रहना चाहिए। पर्यावरण विशेषज्ञों की एक स्थायी समिति भी गठित की जानी चाहिए। इस समय मुनगंटीवार ने अपना एक माह का वेतन इस अभियान के लिए देने की घोषणा की।

Created On :   26 April 2025 4:20 PM IST

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