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Chandrapur News: श्रमदान कर गांव को स्वच्छ बनाया, जनसहयोग से गंदगीमुक्त हुआ
- पूरे गांव ने किया श्रमदान
- वर्ष में दो बार करते हैं गटर की सफाई
Chandrapur News योगेश चिंधालोरे. सहयोग और श्रमदान से गांव को स्वच्छ व सुंदर बनाने के साथ विकास कैसे कर सकते है, इसका उदाहरण सातारा गांव ने पेश किया है। सातारा गांव चिमूर तहसील से दस किलोमीटर दूर स्थित है। गांव के लोग एकजुट होकर स्वच्छता के मंत्र को अपनाने लगे हैं। गांव पहली बार खुले में शौच से मुक्त हो गया है, गांव के सभी ग्रामीण नियमित रूप से शौचालय का उपयोग करते हैं, गांव में कोई भी खुले में शौच नहीं करता। ग्रामीण यहीं नहीं रुके और गांव को शाश्वत, स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए आगे आए।
सातारा गांव के सरपंच ने ग्रामीणों को एकजुट कर गांव के विकास में अधिक से अधिक जनसहभागिता कैसे बढ़ा सकते है, इसके लिए विविध उपाय किए। गांव में बालकसभा, महिलासभा, ग्रामसभा हर माह लेने का नियोजन किया। उसके अनुसार सभा नियमित लिए। प्रत्येक सभा में तीन सौ से अधिक ग्रामीण सभा में आने लगे। इसका परिणाम ऐसा हुआ कि, गांव में श्रमदान का जनआंदोलन व जनसहभागीता निर्माण होने में मदद हुई। ग्रामीणों के सहयोग से गांव में वाचनालय का निर्माण कर वहां विविध प्रकार के किताबें उपलब्ध की गई, जिसका सभी लाभ उठा रहे। वर्ष में दो बार गटर की सफाई के लिए ग्रामीण खुद आगे आते हैं।
गांव का गुरुदेव सेवा मंडल हर सप्ताह गांव की सफाई करते हैं। वृक्षरोपण के साथ वृक्ष का संवर्धन कर रहे हंै। गांव में आकर्षक प्रवेशद्वार का निर्माण किया गया। गांव की शोभा बढ़ाने सुंदर चौक बनाकर वहां छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा व किला का सौंदर्यीकरण किया गया। गांव से निकलनेवाले गंदे पानी का प्रबंधन करने गांव में 7 सार्वजनिक शौच गड्डे की निर्मिति की गई। यह सभी काम श्रमदान व जनसहयोग से किया गया। इसमें ग्रामीण खुद सामने आकर शामिल हुए।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत प्रत्येक परिवार के लिए नाडेप कंपोस्ट का निर्माण किया गया। प्रत्येक घर से निकलनेवाला कचरा यह नाडेप कुंडी में कंपोस्ट करने में मदद हुई है। ठक्कर बाबा योजना में गांव में शुद्ध जल मिले, इसके लिए आरो लगाया गया। हर घर में नल द्वारा जलापूर्ति होती है। स्वच्छ भारत मिशन से खराब पानी घनकचरा प्रबंधन के लिए शोष गड्ढे की निर्मिति की गई। घनकचरा प्रबंधन में सार्वजनिक नाडेप का निर्माण किया गया। गांव में ही निर्मित खाद गांव के किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। गांव में कर वसूली भी ठीक होती है। जनसहयोग से गांव के विकास को विविध पुरस्कार भी मिले हैं। आर. आर. आबा पाटील स्मार्ट ग्राम योजना अंतर्गत वर्ष 21-22 में 10 लाख, संत गाडगेबाबा ग्राम स्वच्छता अभियान में चिमूर तहसील मंे प्रथम आने पर 60 हजार का पुरस्कार मिला है। इसके अलावा संत गाडगेबाबा ग्राम स्वच्छता अभियान में जिले से दूसरा क्रमांक आने पर गांव को 4 लाख का पुरस्कार मिला है।
ग्रामीणों को जागृत करने के लिए विविध चौक को नाम दिए गए। जगह-जगह ग्राम विकासपर आधारित संदेश लिखे गए। जिससे गांव की दीवारे बोलने लगी है। गांव में विविध जगह वॉश बेसीन लगाई की गई है। सार्वजनिक चौक में पीने के पानी की व्यवस्था है। गांव में सामुदायिक ज्ञान प्रार्थना की जाती है। इससे परिसर स्वच्छता व ग्रामीण खुद एकजुट होने लगे। गांव के विकास संबंधी ग्रामीण जागृत होने में मदद हुई। सातारा गाव आज शाश्वत स्वच्छ, सुंदर हुआ है। हर घर नल से जल व खुले में शौच से स्थायी मुक्ति के रूप में घोषीत किया गया है। करीब 635 जनसंख्या वाले इस गांव में वाचनालय, अंगणवाडी, शाला भी है। हर घर में शौचालय के साथ 205 मीटर की अंडरग्राउंंड नाली भी है।
Created On :   24 April 2025 4:21 PM IST