भीमा कोरेगांव : कांग्रेस का आरोप- MP चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय को घसीट रही है बीजेपी

BJP taking help of Pune police to win Madhya Pradesh election - Congress
भीमा कोरेगांव : कांग्रेस का आरोप- MP चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय को घसीट रही है बीजेपी
भीमा कोरेगांव : कांग्रेस का आरोप- MP चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय को घसीट रही है बीजेपी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा कोरेगांव दंगे के मामले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का साजिश के तहत घसीटा जा रहा है। पुणे पुलिस ऐसा करके मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता सचिन सावंत ने यह आरोप लगाया। सावंत ने कहा कि पुणे पुलिस की विश्वसनीयता पूरी तरह खत्म हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने भीमा-कोरेगांव दंगों की सुनवाई के दौरान यह सवाल करते हुए पुणे पुलिस की खिंचाई की थी कि वह बार-बार मीडिया के पास क्यों जा रही है। इसके बावजूद पुणे पुलिस के अधिकारी जानबूझकर मीडिया से संपर्क कर रहे हैं क्योंकि इसका मकसद भाजपा को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में फायदा पहुंचाना है। पुणे पुलिस सरकार के इशारे पर चलने वाली कठपुतली बन गई है। सावंत ने कहा कि एक जगह पर जिंदा बम बरामद होने के बावजूद सनातन संस्था और शिवप्रतिष्ठान के लोगों को पूछताछ तक के लिए नहीं बुलाया जाता। साथ ही भीमा कोरेगांव दंगों के मुख्य सूत्रधार मिलिंद एकबोटे और संभाजी से सामान्य पूछताछ की जगह यलगार परिषद दंगों से संबंध जोड़कर जांच की जा रही है। 

उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए शहरी नक्सलवाद शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके जरिए सरकार और भाजपा कट्टरपंथ से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है और पुणे पुलिस इसमें मदद कर रही है। सावंत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र पुलिस को भी गुजरात के मॉडल के मुताबिक चलाने की कोशिश हो रही है लेकिन गुजरात मॉडल की कैसी फजीहत हुई है यह सबके सामने है। सावंत ने कहा कि मुझे डर है कि महाराष्ट्र पुलिस का भी वही हाल होगा। 

क्या है मामला

दरअसल पुणे पुलिस ने जून महीने में एक्टिविस्ट रोना विल्सन को गिरफ्तार किया था। रोना के पास से पुलिस को एक पत्र मिला था जिसे मोस्ट वांटेड नक्सली नेता मिलिंद टेलटुम्ब्डे ने लिखा था। पत्र में लिखा गया था कि कांग्रेसी नेता हमारी मदद को तैयार है। इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने माओवादी समर्थक नेताओं प्रकाश उर्फ रितुपन गोस्वानी और सुरेंद्र गाडलिंग के कॉल डीटेल की छानबीन की तो एक मोबाईल नंबर मिला, जिस पर बात की गई थी। यह मोबाईल नंबर कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह का था। सूत्रों के अनुसार पुणे पुलिस इस मामले में दिग्विजय सिंह से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है।  
 

Created On :   19 Nov 2018 10:05 PM IST

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