सहमे बिजली कर्मी: पहले पुलिस बंदोबस्त करें , फिर चलाएं बिजली काटने की मुहिम

पहले पुलिस बंदोबस्त करें , फिर चलाएं बिजली काटने की मुहिम
  • मारपीट की घटनाएं बढ़ने से कर्मचारी सांसत में
  • हमला होने पर बचाने कोई नहीं आता
  • प्रशासन से मांगी सुरक्षा व्यवस्था

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाल ही में मोमिनपुरा में बिजली चोरों की बिजली काटने के दौरान हुई मारपीट की घटना के बाद महावितरण कर्मचारी बगैर पुलिस बंदोबस्त के बिजली काटो अभियान में शामिल होने से मना कर रहे हैं। इनका कहना है कि बकायदार या बिजली चोर अचानक हमलावर हो जाता है आैर उस वक्त बचाने के लिए कोई नहीं आता। इसके पूर्व भी महावितरण कर्मचारियों के साथ कई बार मारपीट की घटनाएं हो चुकी है।

याद रहे महावितरण ने बकायदारों से बिल की वसूली के लिए दस्ते तैयार किए है। बकायदारों की बिजली काटने का अभियान समय-समय पर चलाया जाता है। इसी दौरान बिजली चोरों पर भी कार्रवाई की जाती है। महावितरण का उपभोक्ताओं पर करोड़ों का बिजली बिल बकाया है। बार-बार सूचना देने के बावजूद भुगतान नहीं करने से दस्तों को बकायदारों की बिजली काटने के आदेश दिए गए है। शहर में कुछ इलाके ऐसे है, जहां अभियान चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। इन संवेदनशील इलाकों में कार्रवाई के दौरान अक्सर महावितरण कर्मचारियों से विवाद होता है।

समय पर नहीं मिलता पुलिस बंदोबस्त : महावितरण की समस्या यह है कि जिस दिन अभियान चलाना होता है, उस दिन पुलिस बंदोबस्त उपलब्ध नहीं होता। पहले सीधे पुलिस थाने से बंदोबस्त मिल जाता था। अब पुलिस बंदोबस्त प्राप्त करने की प्रक्रिया काफी पेचीदगी भरी हो गई है। पुलिस थाने में बंदोबस्त के लिए आवेदन करने के बाद बंदोबस्त का शुल्क पलिस आयुक्तालय में जमा करना होता है। शुल्क जमा करने के बाद संबंधित पुलिस थाने में तय दिन पर स्टाफ उपलब्ध होना चाहिए। अगर तय दिन पर स्टाफ उपलब्ध नहीं है, तो बंदोबस्त दूसरे दिन मिल सकेगा।

शुल्क भी बहुत बढ़ गया है : पुलिस बंदोबस्त के लिए भारी भरकर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। आठ घंटे के लिए एक उपनिरीक्षक, दो हवलदार व तीन सिपाही के लिए 9 हजार रुपए जमा करना होता है। आैपचारिकत पूर्ण करने के लिए संबंधित पुलिस थाने व पुलिस आयुक्तालय के चक्कर महावितरण के अभियंता को काटने पड़ते है।


Created On :   26 Aug 2024 8:33 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story