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Wardha News: जंगली सुअर को बचाते हुए टैंकर से जा टकराई कार, उजड़ गया हंसता खेलता परिवार

- मांडगांव इलाके के तरोडा गांव के पास की घटना
- कार दुर्घटना में पुलिस दंपति के साथ ही दो बच्चों की मौत
- एक ही परिवार के चार लोगों की मौत
Wardha News. जंगली जानवर के वाहन के सामने आते ही एक हसता खेलता परिवार हमेशा के लिए शांत हो गया। ये दर्दनाक हादसा वर्धा जिला का है, जहां मांडगांव इलाके में पुलिस अधिकारी प्रशांत वैद्य अपनी पत्नी और दो छोटे बच्चों के साथ कार से गुजर रहे थे, रात के वक्त रास्ते में अंधेरा था। कार रफ्तार में थी और इसी दौरान सड़क पर जंगली सुअर आ गया, तभी अचानक प्रशांत वैद्य ने सूअर को बचाने की कोशिश की, लेकिन तेज रफ्तार कार का संतुलन बिगड़ गया. कार बेकाबू होकर सामने से आ रहे डीजल टैंकर से टकरा गई। इस हादसे में पुलिस दंपति समेत कुल चार की मौत हो गई। मृतकों में पुलिस अधिकारी प्रशांत वैद्य की उम्र 43 साल, पत्नी प्रियंका वैद्य की उम्र 37 साल, बेटे प्रियांश वैद्य की उम्र 8 और माही की उम्र 3 साल बताई जा रही है। राज्य महामार्ग क्रमांक 258 पर तरोडा गांव के पास अचानक सामने जंगली सुअर आ जाने से कार अनियंत्रित हुई और टैंकर से जा टकराई। हादसे के दौरान प्रियंका वैद्य और प्रियांश ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। बेटी माही गंभीर रूप से घायल हो गई थी। जिसे निजी वाहन से सेवाग्राम के कस्तुरबा अस्पताल में उपचार के ले लाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद माही को मृत घोषित कर दिया था। उधर प्रशांत वैद्य के सिर में गंभीर चोट आई थी, उन्हें नागपुर के एम्स में रैफर किया गया, इलाज के दौरान प्रशांत वैद्य ने भी दम तोड़ दिया।
मृत परिवार मांडगांव का रहने वाला था। प्रशांत वडनेर पुलिस थाना में बीट जमादार पद पर कार्यरत थे। सोमवार को रामनवमी के उपलक्ष में महाप्रसाद का कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद परिवार के सदस्य एमएच 40 केआर- 3603 क्रमांक की कार से वापस वर्धा लौट रहे थे। इसी दौरान मांडगांव के पास तरोडा गांव में उनकी कार हादसे का शिकार हो गई। जो सामने से आ रहे टैंकर क्रमांक एमएच 09- सीवी- 2185 क्रमांक से टकरा गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शव हिंगणघाट अस्पताल पहुचाए। हादसे में वाहन चकनाचूर हो चुका था। कुछ समय के लिए यातायात बाधित हो गया था। दुर्घटना की जानकारी नागपुर और मुंबई सीआरओं को दी गई। साथी ही रिपोर्ट भी भेजी जा रही है। एपीआय सपाटे, कॉन्सटेबल भोगे और काकडे इस मामले की जांच कर रहे हैं।
वर्धा शहर में शाम के वक्त चारों के शव घर लाए गए। जिसके बाद सेवाग्राम रेलवे स्टेशन परिसर की मुख्य स्मशानभूमि में दोनों बच्चों के शवों का संस्कार कियागया। प्रशांत वैद्य और प्रियंका का भी अंतिम संस्कार किया गया।
रात के समय रास्ते पर आते हैं वन्यप्राणी
समुद्रपुर से वर्धा की ओर आनेवाले मार्ग पर कई जगहों पर नर्सरी बनाई गई है। जहां वन्य प्राणियों को रखा गया है, लेकिन नर्सरी की सुरक्षा दीवार नहीं होने से अक्सर वे रात के समय रास्ते पर आते हैं। अचानक वाहनों के सामने आने के कारण हादसे में अबतक कई लोग जान गंवा चुके हैं।
गांव के युवक ने दी जानकारी
तिरोडा के पुलिस पटेल प्रशांत क्षीरसागर ने बताया कि गांव का युवक कुणाल तिमांडे वर्धा से तिरोडा की ओर जा रहा था। हादसे के वक्त वो वहां मौजूद था। उसने यह जानकारी दी।कई बार वनविभाग को नर्सरी की सुरक्षा दीवार बनाने की मौखिक मांगी गई थी, लेकिन इस संबंध में निर्णय नहीं लेने के कारण कई हादसे हुए।
मांडगाव में शोक की लहर
हादसे में मौत की खबर गांव में मिलते ही शोक की लहर फैल गई। पुलिस विभाग में काम करने वाले प्रशांत सबसे मेलजोल रखते थे। सभी से अच्छे संबंध थे।
चार का तीन स्थानों पर पोस्टमॉर्टम
पत्नी प्रियंका और बेटे प्रियांश वैद्य की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके कारण उनका हिंगणघाट के उपजिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया। बेटी माही का सेवाग्राम अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया। प्रशांत वैद्य का नागपुर के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उनका नागपुर के मेयो अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हुआ।
वडनेर में दी गई श्रध्दांजलि
प्रशांत वैद्य अपने अच्छे स्वभाव के कारण लोकप्रिय थे। अपने से ज्यूनियर कर्मचारियों को और सहयोगियों में सभी उनका सम्मान करते थे।
Created On :   8 April 2025 7:15 PM IST