Nagpur News: नागपुर शहर में बढ़ रही हैं आग लगने की घटनाएं, वाठोड़ा व पारडी फायर स्टेशन पड़े हैं बंद

नागपुर शहर में बढ़ रही हैं आग लगने की घटनाएं, वाठोड़ा व पारडी फायर स्टेशन पड़े हैं बंद
  • रिपोर्ट में बड़ा खुलासां
  • अग्निशमन विभाग के पास कर्मचारी और संसाधन नहीं

Nagpur News महानगरपालिका के वाठोड़ा और पारडी में नवनिर्मित फायर स्टेशन अब बंद स्थिति में आ गए हैं। दोनों फायर स्टेशन कुछ माह पहले ही शुरू हुए हैं, लेकिन मनपा अग्निशमन विभाग के पास फायरमैन समेत अन्य कर्मचारी नियुक्त नहीं हो पाए हैं। दोनों फायर स्टेशन आरंभ होने के बाद से ही एकमात्र स्टेशन अधिकारी के भरोसे चल रहे हैं। बड़ी आबादी को आगजनी समेत अन्य आपदा से बचाने के लिए तैनात फायर स्टेशन ही अब आपदा का सामना कर रहे है। दोनों स्टेशनों के क्षेत्र में आपदा की स्थिति में कलमना, लकड़गंज, सक्करदरा और नरेन्द्रनगर स्टेशनों से सहायता ली जाती है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए नए अग्निशमन स्टेशन खोल दिए गए, लेकिन संचालन के लिए ड्राइवर अथवा फायरमैन मुहैया नहीं कराए गए हैं। ऐसे में अब दोनों स्टेशन एक-एक अधिकारी के भरोसे नाम के लिए संचालित हो रहे हैं।

दावा के उलट स्थिति : मनपा के मुख्यालय स्थित सिविल लाइंस फायर स्टेशन में सबसे अधिक 36 कर्मचारी मौजूद हैं, जबकि लकड़गंज में 29 और कॉटन मार्केट में 18 कर्मचारी हैं। वहीं दूसरी ओर त्रिमूर्ति नगर, सक्करदरा और पांचपावली समेत छह फायर स्टेशनों में 13 से 14 कर्मचारी कार्यरत हैं। शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए प्रत्येक इलाके में जल्द पहुंच वाली आपदा प्रबंधन की सेवा को उपलब्ध कराने का मनपा से दावा होता है, लेकिन वास्तविकता में हालात बेहद दयनीय बने हुए हैं।

घटनाएं पोल खोलती हैं : पारडी क्षेत्र अंतर्गत 25 मार्च को भंडारा रोड पर बारदाना के गोदाम में और 5 अप्रैल को लकड़ी की सामग्री निर्माण के कारखाने में भीषण आग लगी। दोनों ही स्थिति में मनपा के सभी फायर स्टेशनों के अलावा अन्य स्थानों से दमकल वाहनों को बुलाना पड़ा था। वाठोड़ा क्षेत्र अंतर्गत भांडेवाड़ी का डंपिग यार्ड और स्वामीनारायण मंदिर समेत कलमना का इंडस्ट्रीयल इलाका, आरा मशीन कारखानों की बहुतायात है। ऐसे में इन स्टेशनों पर पर्याप्त कर्मचारी और संसाधनों की आवश्यकता होती है, लेकिन आश्चर्य यह है कि दोनो ही स्थानों पर एक-एक अधिकारी के भरोसे संचालन हो रहा है।

नाम के लिए आपदा प्रबंधन : मनपा के अग्निशमन विभाग पर शहर की करीब 35 लाख आबादी की आगजनी समेत अन्य आपदा से सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इतना ही नहीं 35 मीटर लैंडर, फोम वाहन समेत अन्य व्यवस्था होने के चलते शहर के अलावा बाहरी हिस्सों में भी आपदा प्रबंधन के लिए मनपा की सहायता ली जाती है। लंबे समय से अग्निशमन केन्द्र में आपदा प्रबंधन के संसाधनों को बढ़ाने और कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव है, लेकिन सरकारी इच्छाशक्ति के अभाव में व्यवस्था के बुरे हाल बने हुए हैं। शहर में 11 कार्यरत फायर स्टेशन में काम करने के लिए 120 स्थायी और 56 अस्थायी ठेका कर्मचारियों समेत महज 177 कर्मचारी मौजूद हैं। इनमें से 18 स्टेशन अधिकारी, 7 प्रमुख फायरमैन, 35 फायरमैन और 64 ड्राइवर का समावेश है।

अन्य फायर स्टेशनों पर अतिरिक्त दबाव : मनपा के अग्निशमन और आपातकालीन सेवा विभाग की ओर से आंतरिक रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में शहर के 11 अग्निशमन केन्द्रों में अधिकारी, कर्मचारी, फायरमैन और ड्राइवरों की नियुक्ति के साथ ही वाहनों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है। आंतरिक रिपोर्ट में मनपा के 11 में से 2 फायर स्टेशनों में स्टेशन अधिकारी के अलावा कोई भी कर्मचारी नहीं होने का खुलासा होने से खलबली मच गई है। इन स्टेशनों के अंतर्गत होनेवाली आपदा के लिए अन्य स्थानों से सहायता बुलाने की नौबत आ रही है। ऐसे में अब शहर के सीमावर्ती क्षेत्र के कलमना, लकड़गंज, सक्करदरा और नरेंद्र नगर स्टेशनों पर अतिरिक्त काम का बोझ बढ़ गया है। हैरानी सह है कि इन स्टेशनों में भी पर्याप्त कर्मचारी नहीं होने से दोहरी परेशानी हो रही है।



Created On :   8 April 2025 11:55 AM IST

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