Nagpur News: तपिश पर हाई कोर्ट भी गंभीर, पूछा-तेज गर्मी में परीक्षा कैसे

तपिश पर हाई कोर्ट भी गंभीर, पूछा-तेज गर्मी में परीक्षा कैसे
  • शिक्षा अधिकारियों को आदेश
  • विदर्भ के छात्रों के हित की दृष्टि से निर्णय लें

Nagpur News राज्य में कक्षा 1 से 9 तक के सभी माध्यमों और सभी प्रबंधन की स्कूलों की वार्षिक परीक्षा अप्रैल महीने की भीषण गर्मी में आयोजित करने के फैसले को अभिभावक तथा शैक्षणिक संस्थाओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी है। इस मामले में सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने अप्रैल की तेज गर्मी को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के हित की दृष्टि से निर्णय लेने का आदेश प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों को दिया है। कोर्ट के आदेशानुसार इस संबंध में याचिकाकर्ताओं को शिक्षा अधिकारियों को निवेदन प्रस्तुत करना है और उस पर शिक्षा अधिकारियों को तुरंत निर्णय लेना है।

इस उद्देश्य पर आपत्ति : राजेश सुलभेलवार और अन्य अभिभावकों ने नागपुर खंडपीठ में इस मुद्दे पर याचिका दायर की है। याचिका पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य शिक्षा संशोधन और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक ने 27 फरवरी 2025 को एक आदेश जारी करते हुए परीक्षाओं की एकरूपता लाने के लिए राज्य में कक्षा 1 से 9 तक की परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी किया। इसमें कक्षा 8 और 9 के लिए 8 अप्रैल से 23 अप्रैल तक परीक्षा आयोजित की गई है। कक्षा 6 से 7 के लिए 9 से 25 अप्रैल, कक्षा 5 के लिए 9 से 25 अप्रैल, कक्षा 3 और 4 के लिए 22 से 25 अप्रैल और कक्षा 1 और 2 के लिए 23 से 25 अप्रैल के बीच परीक्षा होने वाली है। इस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई है।

याचिका में यह आरोप : याचिकाकर्ताओं को कहना है कि, खास कर विदर्भ में 15 अप्रैल के बाद 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रहता है। इसके बावजूद कक्षा 1 से 4 की परीक्षा देर से शुरू होने वाली है। साथ ही 25 अप्रैल को परीक्षा खत्म होने के बाद 1 मई को परिणाम घोषित करने को कहा गया है। केवल 5 दिन में परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया कैसे पूरी होगी, यह भी सवाल उठाया गया। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि परीक्षाएं निर्धारित करते समय विदर्भ के छात्र का विचार नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने 5 मार्च 2025 को आयुक्त द्वारा जारी किए गए परिपत्र के बारे में जानकारी देते हुए कोर्ट को यह भी बताया कि, यदि असाधारण या स्थानीय परिस्थिति हो तो शिक्षा अधिकारी शैक्षणिक संचालक मंडल की अनुमति से परीक्षा की समय सारणी में तत्काल बदलाव कर सकते हैं। इस मामले में सभी का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने आयुक्त द्वारा जारी किए परिपत्र के आधार पर उक्त आदेश जारी किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. भानुदास कुलकर्णी और राज्य सरकार की ओर से एड. ऋषीकेश मराठे ने पैरवी की।

इससे पहले गर्मियों में स्कूल शुरू करने का आदेश रद्द किया गया था : 30 अप्रैल 2007 को सरकार ने जीआर जारी कर फैसला लिया था कि, सभी स्कूलों में एकरूपता लाने के लिए राज्य में 15 जून से स्कूल शुरू किए जाएंगे। हालांकि, यह निर्णय लिया गया कि विदर्भ में स्कूल 15 से 30 जून तक सुबह के समय संचालित होंगे। इस फैसले को भी कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया तथा सरकार से पुनर्विचार करने को कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद 2007-08 से 2023-24 तक विदर्भ की स्कूलों में 21 अप्रैल तक परीक्षा पूरी हो जाती थी और 30 जून को स्कूल शुरू होते थे। याचिकाकर्ताओं ने यह जानकारी भी सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताई।


Created On :   8 April 2025 11:24 AM IST

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