दहशत में जनता: चंद्रपुर में बाघ का आतंक जारी, दूसरे ही दिन फिर एक चरवाहे को बनाया शिकार

चंद्रपुर में बाघ का आतंक जारी, दूसरे ही दिन फिर एक चरवाहे को बनाया शिकार
  • हिंसक पशुओं के हमले में अब तक 18 लोगों की हो चुकी मृत्यु
  • मवेशियों को चराने गये चरवाहे पर घात लगाकर बैठे बाघ ने अचानक हमला बोला
  • बाघ का बंदोबस्त करने की मांग कर रहे क्षेत्र के लोग

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। जिले में बाघ के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक दिन पहले मूल समीप महाबीज परिसर में बाघ के हमले में चरवाहे की मौत की घटना के दूसरे ही दिन सावली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत सिर्शी बीट के कक्ष क्रमांक 196 में प्रतिदिन की भांति अपने मवेशियों को चराने गये चरवाहे पर घात लगाए बैठे बाघ ने अचानक हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

मृत चरवाहे का नाम सिर्शी निवासी दिवाकर नथुजी आवले है। ज्ञात हो कि एक दिन पहले मूल समीप महाबीज परिसर में चिचाला निवासी मुनीम गोलावार (42) व 10 अगस्त को तहसील के केलझर निवासी चरवाहे गणपत लक्ष्मण मराठे (60) को बाघ ने अपना शिकार बनाया था। इस घटना के साथ ही जिले में हिंसक पशुओं के हमले में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है।

जानकारी के अनुसार, चरवाहा दिवाकर आवले सावली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत सिर्शी बीट के कक्ष क्रमांक 196 में प्रतिदिन की भांति अपने मवेशियों को चराने गया था। दोपहर 2 बजे के बीच घात लगाए बैठे बाघ ने उस पर अचानक हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी वनपरिक्षेत्र अधिकारी विनोद धुर्वे को हुई तो उन्होंने मौके पर जाकर पंचनामा किया और परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता दी। इस समय उपवन परिक्षेत्र अधिकारी राजू कोडापे, बीट वनरक्षक महादेव मुंडे, वनरक्षक सोनेकर, वनरक्षक आखाडे व वन कर्मचारी उपस्थित थे। घटना की जानकारी मिलते ही परिसर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वर्तमान में कृषि का मौसम चल रहा है। इस घटना से परिसर के नागरिकों में डर का माहौल है। नागरिकाें ने तत्काल बाघ का बंदोबस्त करने की मांग की है। इस घटना के साथ ही जिले में जनवरी से अब तक बाघ और भालू के हमले में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है जिसमें 17 बाघ के हमले में और एक भालू के हमले में मौत हुई है।

Created On :   21 Aug 2024 11:49 AM GMT

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