Chandrapur News: चंद्रपुर में पांच-पांच सौ रुपए लेकर हजारों लोग रातोंरात बन गए मतदाता

चंद्रपुर में पांच-पांच सौ रुपए लेकर हजारों लोग रातोंरात बन गए मतदाता
  • चुनाव विभाग ने की जांच तो फर्जी मतदाताओं का हुआ पर्दाफाश
  • पड़ोसी राज्य से उठा लाए सारे मतदाता
  • मतदाता पंजीयन में गड़बड़ी का खुलासा

Gadchandur Chandrapur News गडचांदुर. कोरपना तहसील के शहर और ग्रामीण इलाकों में कुल 62 बूथों के हजारों फर्जी मतदाताओं का ऑनलाइन पंजीयन करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पड़ोसी राज्य के लोगों को 500 रुपए मजदूरी देकर रात 12 बजे के बाद फर्जी मतदाता पंजीयन का काम शहर के एक पार्टी के कार्यालय में किए जाने की बात सामने आयी है। चुनाव आयोग की प्रारंभिक जांच में मतदाता पंजीयन में गड़बड़ी का खुलासा होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

इस मामले से आगामी चुनाव की निष्पक्षता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है। इस गंभीर मामले पर प्रशासन ने संज्ञान लिया है और हर गांव में बीएलओ के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयण कराने वाले मतदाताओं तक पहुंचने का काम किया जा रहा है। मतदाता गांव में मौजूद है या नहीं, इसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपी जा रही है। अनेक जगहों पर ऑनलाइन पंजीकृत हुए हजारों मतदाता फर्जी पाए गए हैं।

युवाओं को 500 रुपये देकर भरे आवेदन : प्राप्त जानकारी के अनुसार गडचांदुर के एक कथित पार्टी कार्यालय में आसपास के गांवों के कुछ युवाओं को 500 रुपये की मजदूरी देकर मतदाताओं के फर्जी नाम, उनके आधार नंबर, गलत मोबाइल नंबर और ओटीपी प्रदान करके आवेदन पत्र भरवाया गया था। खास बात यह है कि वेबसाइट पर फोटो अपलोड करने की जगह पर दीवार की फोटो अपलोड की गई है और आधार अपलोड करने की जगह पर भी दीवार की ही फोटो अपलोड की गई है। इसलिए उपलब्ध ऑनलाइन सूची में फर्जी मतदाता की फोटो उपलब्ध नहीं है। तहसील के गडचांदुर, कोरपना, लखमापुर, नांदा, बिबी, बाखर्डी, आवारपुर, उपरवाही गांव में बड़े़ पैमाने पर बोगस मतदाताओं का पंजीयन हुआ है।

मामले की गहन जांच होनी चाहिए : स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखनी होगी। कांग्रेस पार्टी की ओर से फर्जी मतदाता पंजीकरण की निंदा करता हूं। जिलाधिकारी और चुनाव रिटर्निंग अधिकारी को मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए और जिस कम्प्यूटर से यह काम किया गया उसका आईपी एड्रेस पता कर और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। - सुभाष धोटे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष

ऐसे हुआ बाेगस नामों का खुलासा : जब मतदाता सूची में दर्ज नामों और जानकारी की गहन जांच की जा रही थी तो कुछ स्थानीय लोगों ने इस पर ध्यान दिया। इसके बाद जब प्रशासन ने मतदाता सूची की जांच की तो कई फर्जी मतदाता पंजीकृत होने का पाया। पंजीकृत मतदाता सूचियों में हजारों दूसरे राज्य के मतदाताओं के नाम, फर्जी मोबाइल नंबर, फर्जी पते और जन्मतिथि पाई गई हैं। दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर ऑनलाइन आवेदन रात 12 बजे के बाद पंजीबद्ध किए गए हैं।

Created On :   19 Oct 2024 10:26 AM GMT

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