Amravati News: मोथा प्रकल्प से 20 मेगावाट बिजली उत्पादन संभव, फिर भी उपेक्षा

मोथा प्रकल्प से 20 मेगावाट बिजली उत्पादन संभव, फिर भी उपेक्षा
  • पवन चक्की से बनती है प्रतिदिन 35 हजार यूनिट बिजली
  • हर घंटे में एक हजार यूनिट बिजली पैदा करने की क्षमता

Amravati News तहसील के मोथा में पवन चक्की के माध्यम से प्रतिदिन 35 हजार यूनिट बिजली तैयार हो रही है। वर्ष 2003-2004 से निरंतर यह प्रक्रिया अबाधित शुरू है। हर घंटे में एक हजार यूनिट बिजली पैदा करने की क्षमता इन पंखों में है। ऐसे में एक वर्ष में यह दो पंखे 1800000 लाख यूनिट बिजली पैदा करते है, लेकिन पिछले 20-21 वर्षों में एक पंखा भी बढ़ाने की शासन-प्रशासन या किसी जनप्रतिनिधि ने प्रयास करना भी जरूरी नहीं समझा। जबकि आज उत्पादन की तुलना में खपत अधिक होने से पूरे देश में बिजली संकट को लेकर चिंता जताई जा रही है और अपारंपारिक उर्जा के लिए सोलर पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन जहां बिना किसी पर्यावरण नुकसान के बिजली उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, ऐसे मोथा बिजली प्रकल्प के विस्तार में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही। इसका आखिर क्या कारण है। यह अभी तक अबूझ पहेली बनी है।

20 पंखों की क्षमता : तत्कालीन सेना सांसद अनंत गुढे के प्रयासों से मोथा में कुल 11.50 करोड़ की लागत से वर्ष 2003-2004 में साकार हुये पवन चक्की के दो पंखे आज भी प्रतिदिन 35 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन कर रहे है। सुजलाम एनर्जी लिमिटेड का यह बिजली उत्पादन आज भी निरंतर जारी है। नो मेटनेंस वाले इस प्रकल्प की विशेषता यह है कि पहले ही वर्ष लक्ष्य से अधिक बिजली उत्पादन कर दिखाया। फिर भी उपेक्षा का शिकार बना है। जबकि वर्तमान में मोथा में 20 पंखों की क्षमता है। यदि यह 20 पंखे लग जाते तो आज मोथा प्रकल्प में पवन चक्की से प्रतिदिन 20 मेगावाट बिजली का उत्पादन संभव है। फिर भी न तो राज्य सरकार ध्यान दे रही है और न ही केंद्र सरकार।

जिले में 450 मेगावाट की खपत : अमरावती जिले में प्रतिदिन 450 से 500 मेगावाट बिजली की खपत होती है। जिसमें अकेले चिखलदरा शहर को प्रतिदिन मात्र 50 यूनिट की आवश्यकता है। -दीपक देवहाते, अधीक्षक अभियंता

Created On :   15 April 2025 1:47 PM IST

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