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मार्च तक तीन भारतीय स्टार्टअप अपने उपग्रह अंतरिक्ष में भेजेंगे: आईएन-स्पेस
- भेजने वाली तीन स्टार्टअप कंपनियां गैलेक्सआई स्पेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ध्रुव स्पेस और पिक्सेल हैं
- गैलेक्सआई का पहला उपग्रह दृष्टि 2023 की आखिरी तिमाही में लॉन्च होने की उम्मीद है
- ध्रुव स्पेस का हाइपरस्पेक्ट्रल मिशन लॉन्च 2024 की पहली तिमाही के दौरान निर्धारित है
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) के अनुसार, तीन निजी क्षेत्र के उपग्रह निर्माता अगले साल मार्च तक अपने भू-अवलोकन उपग्रह अंतरिक्ष में भेजेंगे।
देश में अंतरिक्ष से जुड़ी वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, उन्हें मान्यता प्रदान करने और निगरानी के लिए अंतरिक्ष विभाग के अधीनस्थ एक स्वायत्त सरकारी नियामक के रूप में आईएन-स्पेस का गठन किया गया है।
निजी उपग्रह भेजने वाली तीन स्टार्टअप कंपनियां चेन्नई स्थित गैलेक्सआई स्पेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद स्थित ध्रुव स्पेस और बेंगलुरु स्थित पिक्सेल हैं।
आईएन-स्पेस ने कहा कि गैलेक्सआई का पहला उपग्रह दृष्टि 2023 की आखिरी तिमाही में लॉन्च होने की उम्मीद है।
गैलेक्सआई ने उच्च रिज़ॉल्यूशन मल्टी पेलोड माइक्रोसैटेलाइट तारा-समूह की योजना बनाई है, जिसमें ऑप्टिकल और सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) पेलोड शामिल हैं, जो पर्यावरण, अवैध वेसल मॉनिटरिंग, बीमा अनुप्रयोगों और अन्य को लक्षित करने वाले दृष्टि सेंसर का उपयोग करके डेटा फ्यूजन को सक्षम बनाएगा। आईएन-स्पेस ने स्थिति और अवसरों पर एक परामर्श पत्र में यह बात कही।
दूसरी ओर, ध्रुव स्पेस का हाइपरस्पेक्ट्रल मिशन लॉन्च 2024 की पहली तिमाही के दौरान निर्धारित है।
क्षेत्रीय नियामक ने यह भी कहा कि सैत्सुरे की सहायक कंपनी कैलेडईओ ने एक मीटर स्थानिक रिज़ॉल्यूशन की छवियां प्रदान करने के लिए चार उपग्रहों के एक समूह की योजना बनाई है।
आईएन-स्पेस ने उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए कोई निश्चित समय नहीं बताया है।
आईएन-स्पेस ने कहा कि पिक्सेल ने 2023 में पहले वाणिज्यिक चरण के उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना बनाई है, जिसमें हर 48 घंटे में दुनिया के किसी भी बिंदु को कवर करने वाले छह उपग्रह शामिल होंगे।
जहां तक निकट भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के स्वीकृत पृथ्वी अवलोकन उपग्रह मिशनों में रिसोर्ससैट-सैंपलर 3एस/3एसए, रिसोर्ससैट-3 और 3ए, आरआईएसएटी-1बी, तृष्णा (इसरो-सीएनईएस, फ्रांस संयुक्त कार्यक्रम), निसार (नासा के साथ संयुक्त कार्यक्रम), जीआईएसएटी-1आर और ओशनसैट-3ए शामिल हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   3 Aug 2023 5:06 PM IST