Pahalgam Attack: पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में रखने की ओवैसी ने की मांग, जानें क्या है ब्लैक और ग्रे लिस्ट में अतंर?

पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में रखने की ओवैसी ने की मांग, जानें क्या है ब्लैक और ग्रे लिस्ट में अतंर?
  • पहलगाम में हुआ था आतंकी हमला
  • ओवैसी ने पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में रखने की करी मांग
  • ग्रे लिस्ट और ब्लैक लिस्ट में अंतर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हाल ही में दिल दहला देने वाला घातक हमला हुआ था। इससे पूरे देश के लोगों के अंदर गुस्सा है। सरकार भी सख्त से सख्त कदम उठा रहा है। साथ ही सभी लोग पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। इसी दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ओवैसी ने कहा है कि, हमारी भारत सरकार से ये ही मांग है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ यानि (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट में डाल देना चाहिए। अगर आप इस एफएटीएफ के और इसकी लिस्ट्स के बारे में नहीं जानते हैं तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या है एफएटीएफ?

बता दें, एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है जो कि 1989 में आंतकी वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग और अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंशियल सिस्टम की अखंडता से संबंधित परेशानियों से निपटने के लिए स्थापित किया गया था। इस समय इस लिस्ट में 39 सदस्य हैं। इनमें से दो क्षेत्रीय संगठन-यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद में हैं। भारतीय एफएटीएफ कंसल्टेंट्स और एशिया पैसिफिक ग्रुप के मेंबर हैं।

क्या है ग्रे लिस्ट?

ग्रे लिस्ट यानि एफएटीएफ ने आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ उपायों पर अपने विकास के लिए एक देश को निगरानी में रखा है। बता दें, साल 2022 में मार्च तक एफएटीएफ की बढ़ी हुई निगरानी लिस्ट में 23 देश शामिल हुए थे, जिनको आधिकारिक तौर पर रणनीतिक कमियों वाले क्षेत्राधिकार के तौर पर देखा जाता था।

ब्लैक लिस्ट क्या होती है?

FATF की ब्लैक लिस्ट की बात करें तो, ये लिस्ट ऐसे देशों की पहचान करती है जो कि आतंकवाद विरोधी शासन और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बिल्कुल पर्याप्त नहीं माना जाता है। एफएटीएफ हाई रिस्क के तौर पर पहचाने जाने वाले सभी देशों के जितने भी मेंबर होते हैं उनको बुलाया जाता है और कोर्ट को उचित देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। एक ब्लैक लिस्टेड देश एफएटीएफ के मेंबर देशों की तरफ से आर्थिक तौर से सभी प्रतिबंधों के अधीन हो सकता है।

Created On :   28 April 2025 5:34 PM IST

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