मुश्किल में PAK: सिंधु जल संधि पर अब वर्ल्ड बैंक ने झाड़ा पल्ला! भारत पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे पर दिया बयान

- पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तनाव
- सिंधु जल संधि पर वर्ल्ड बैंक का आया बयान
- पाकिस्तान को लेकर कही ये बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की वजह से पाकिस्तान को भारत से 5 बड़ी जवाबी कार्रवाई का खामियाजा भुगतना पड़ा है। इनमें से एक हैं सिंधु जल संधि। भारत ने पाकिस्तान से सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया है। इसके बाद से पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिला गया है। पाक का कहना है कि सिंधु जल संधि को सस्पेंड करके भारत युद्ध की स्थिति उत्पन्न कर दी है। इसके बाद पाक वर्ल्ड बैंक में अपील करने की बात करने लगा है। इस पर अब वर्ल्ड बैंक का बयान सामने आया है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि विश्व बैंक सीमित परिभाषित कामों के लिए ट्रीटी पर सिग्नेचरी है और हम ट्रीटी के सदस्य देशों की ओर से लिए गए संधि संबंधी संप्रभु निर्णयों पर अपनी राय नहीं रखते हैं।
केंद्रीय जल आयोग के पूर्व चीफ का आया बयान
भारत के सिंधु जल संधि निलंबित होने के बाद से लोगों के दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा है। दरअसल, वो सवाल यह है कि क्या सिंधु जल संधि रद्द होने से पाकिस्तान को नुकसान झेलना पड़ेगा। इस संबंध में न्यूज एजेंसी आईएनएस ने केंद्रीय जल आयोग के पूर्व चीफ कुशविंदर वोहरा से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि निलंबन के बाद हम बाध्य नहीं है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान को जानकारी साझा करें।
वोहरा ने आगे कहा कि सिंधु जल संधि के तहत अब तक हम कुछ चीजों को लेकर बाध्य थे लेकिन, हमें सबसे पहले यह जानना भी जरूरी है कि इस संधि के तहत कौन-कौन सी नदियां हैं। उन्होंने कहा कि इस संधि के अंदर छह नदियां हैं। रावी, ब्यास और सतलुज उसका पूरा पानी भारत के लिए है। इसके अलावा सिंधु, झेलम और चिनाब का ज्यादातर पानी पाकिस्तान के लिए है।
पाकिस्तान पर लगाया आरोप
उन्होंने कहा कि 1960 में यह संधि हुई। जिसमें कुछ बाध्यता थी लेकिन, संधि के निलंबन के बाद अब कोई बाध्यता नहीं है। अब निलंबन के बाद डाटा शेयर करने की जरूरत नहीं होगी। भारत-पाक के कमीशन के बीच मीटिंग नहीं होगी। इसके अलावा पाकिस्तान से भी लोग यहां पर देखने के लिए आते थे कि कौन - कौन से प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं अब उसकी भी कोई जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने आगे कहा कि हम जो प्रोजेक्ट बनाते थे उसे लेकर भी उन्हें जानकारी देनी होती थी। पाकिस्तान आम तौर पर हमेशा की तरह हमारे प्रोजेक्ट्स में खामियां निकालता था लेकिन, अब वह जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी। मानसून के दौरान, भारत सिंधु नदी प्रणाली के भीतर बाढ़ की स्थिति के बारे में पाकिस्तान को कोई अपडेट नहीं देगा। मुझे लगता है कि जब तक यह सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी, तब तक पाकिस्तान को परेशानी होगी।
Created On :   28 April 2025 7:44 PM IST