चंद्रयान-2 लॉन्च, तस्वीरों और वीडियो में देखिए ISRO का 'मिशन मून'
- अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने एक बार फिर रचा इतिहास
- चंद्रयान-2 को सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया गया
डिजिटल डेस्क, श्रीहरिकोटा। अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का दूसरा मिशन मून चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है। चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को दोपहर 2.43 बजे देश के सबसे ताकतवर रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया गया। तस्वीरों और वीडियो में देखिए चंद्रयान 2 चांद पर कब उतरेगा और क्या काम करेगा।
Launch of Chandrayaan 2 by GSLV MkIII-M1 Vehicle https://t.co/P93BGn4wvT
— ISRO (@isro) July 22, 2019
इससे पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई की दरम्यानी रात 2.51 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन तकनीकी खामी की वजह से रॉकेट को लॉन्च से 56.24 मिनट पहले रोक दिया गया था। 22 जुलाई को चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया।
Here's some exclusive, behind-the-scenes footage of the mission's various components coming together - https://t.co/baOMowvWHa
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अलग-अलग चरणों के तहत लॉन्च के 52 दिनों बाद (16+5+27+4) चंद्रयान चांद की सतह पर पहुंच जाएगा। चांद की सतह पर पहुंचने के बाद लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) 14 दिनों तक ऐक्टिव रहेंगे। रोवर इस दौरान 1 सेंटीमीटर/सेकंड की गति से चांद की सतह पर चलेगा और उसके तत्वों की स्टडी करेगा व तस्वीरें भेजेगा। वह वहां 14 दिनों में कुल 500 मीटर कवर करेगा। ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर उसकी परिक्रमा करता रहेगा। ऑर्बिटर वहां 1 साल तक ऐक्टिव रहेगा।
चंद्रयान का तीसरा हिस्सा रोवर है जिसे प्रज्ञान नाम दिया गया है। यह रोवर 6 पहिए वाला एक रोबॉट वाहन है जिसका वजन 27 किलोग्राम है। रोवर प्रज्ञान चांद पर 500 मीटर (½ आधा किलोमीटर) तक घूम सकता है। यह सौर ऊर्जा की मदद से काम करता है। रोवर सिर्फ लैंडर के साथ संवाद कर सकता है। इसकी लाइफ 1 लूनर डे की है। जिसका मतलब पृथ्वी के लगभग 14 दिन होता है। चंद्रयान पर कुल 13 पेलोड हैं। इसमें से 2 पेलोड रोवर पर भी होंगे।
चंद्रयान-2 मिशन के तीन हिस्से हैं। पहला हिस्से का नाम ऑर्बिटर, दूसरा लैंडर (विक्रम) और तीसरा रोवर (प्रज्ञान) हैं। ऑर्बिटर, चंद्रमा की सतह का निरीक्षण करेगा और पृथ्वी तथा चंद्रयान 2 के लैंडर- विक्रम के बीच संकेत रिले करेगा।
बता दें कि, पृथ्वी और चांद की दूरी करीब 3,844 किमी है। 7 सिंतबर को विक्रम लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा।
चंद्रयान-2 का बजट 978 करोड़ रुपये है। इसका मकसद भारत को चंद्रमा की सतह पर उतरने और उस पर चलने वाले देशों में शामिल करना है।
640 टन का GSLV Mk-III रॉकेट 44 मीटर लंबा है। इस रॉकेट में 3.8 टन का चंद्रयान रखा गया। रॉकेट को 'बाहुबली' उपनाम दिया गया है।
चंद्रयान-2 भारत का दूसरा सबसे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (GSLV Mk-III) से लॉन्च किया गया।
Created On :   22 July 2019 3:33 PM IST