चंद्रयान-2 ने भेजी लूनर सतह की पहली तस्वीर, दिखाई दिए ओरिएंटेल बेसिन और अपोलो क्रेटर
- इसरो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी शेयर की
- चंद्रयान-2 ने गुरुवार को लूनर सतह की पहली तस्वीर भेजी
- ये तस्वीर लैंडर विक्रम ने चांद की सतह से लगभग 2650 किमी की ऊंचाई से ली है
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। चंद्रयान-2 ने गुरुवार को लूनर सतह की पहली तस्वीर भेजी है। ये तस्वीर यान के लैंडर विक्रम ने चांद की सतह से लगभग 2650 किमी की ऊंचाई से खींची है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी शेयर की।
इसरो ने कहा, "21 अगस्त, 2019 को चांद की सतह से लगभग 2650 किमी की ऊंचाई पर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की भेजी गई चंद्रमा की पहली तस्वीर को देखें। तस्वीर में ओरिएंटेल बेसिन और अपोलो क्रेटरों की पहचान की गई है।" चंद्रयान-2 वर्तमान में चंद्रमा के चारों ओर 121 x 4303 किलोमीटर की अण्डाकार ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है। इस कक्षा में चंद्रयान-2 की एपोजी (चांद से कम दूरी) 121 किमी और पेरीजी (चांद से ज्यादा दूरी) 4303 किमी है।
Take a look at the first Moon image captured by #Chandrayaan2 #VikramLander taken at a height of about 2650 km from Lunar surface on August 21, 2019.
— ISRO (@isro) August 22, 2019
Mare Orientale basin and Apollo craters are identified in the picture.#ISRO pic.twitter.com/ZEoLnSlATQ
चंद्रयान-2 20 अगस्त को चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंचा था। इसरो वैज्ञानिकों ने सुबह 8.30 से 9.30 बजे के बीच चंद्रयान-2 को चांद के ऑर्बिट LBN#1 में प्रवेश कराया था। इस ऑर्बिट में चंद्रयान-2, 118 किमी की एपोजी (चांद से कम दूरी) और 18078 किमी की पेरीजी (चांद से ज्यादा दूरी) वाले अंडाकार ऑर्बिट में था। इस दौरान चंद्रयान की गति को 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया गया।
अगले 24 घंटे तक चक्कर लगाने के बाद 21 अगस्त को, चंद्रयान-2 ने अपने ऑर्बिट को कम किया और LBN#2 (121 x 4303) किलोमीटर के अण्डाकार ऑर्बिट में पहुंच गया। अंतरिक्ष यान अपने आप को चंद्रमा के और करीब लाने के लिए अगले दो हफ्तों में कई बार और अपने ऑर्बिट को कम करेगा।
LBN#3- 28 अगस्त की सुबह 5.30-6.30 बजे के बीच चंद्रयान-2 को 178x1411 किमी के ऑर्बिट में डाला जाएगा।
LBN#4- 30 अगस्त की शाम 6.00-7.00 बजे के बीच चंद्रयान-2 को 126x164 किमी के ऑर्बिट में डाला जाएगा।
LBN#5- 01 सितंबर की शाम 6.00-7.00 बजे के बीच चंद्रयान-2 को 114x128 किमी के ऑर्बिट में डाला जाएगा।
चंद्रयान-2 मिशन का डी-डे 2 सितंबर है, जब लैंडर विक्रम अंतरिक्ष यान से अलग हो जाएगा और खुद की एक लूनर ऑर्बिट में पहुंच जाएगा। इसके बाद 7 सितंबर को सुबह, विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा। अगर भारत विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफल हो जाता है तो वह दुनिया का एकमात्र देश बन जाएगा जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर "सॉफ्ट लैंडिंग" कराई हो।
Created On :   22 Aug 2019 9:20 PM IST