रूस-यूक्रेन जंग: ट्रंप-पुतिन की करीबी से घबराकर चीन ईयू से बढ़ाना चाह रहा है संबंध

- चीन और यरोप के मध्य भू-राजनीतिक संघर्ष नहीं
- ट्रंप-जेलेंस्की विवाद का फायदा उठाना चाहता है चीन
- ईयू के नेताओं ने जेलेंस्की के साथ जताई एकजुटता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस -यूक्रेन जंग में यूक्रेन का सहयोग छोड़ने पर अमेरिका पर भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की बैठक में तीखी बहस हुई थी। इसके बाद से यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच दूरियां बढ़ी। इसी बीच चीन भी ईयू देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने की योजना बना रहा है।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के प्रवक्ता लू किनजियान ने कहा कि हम 27 सदस्यीय ईयू के साथ एकतरफा फैसलों के खिलाफ काम करने के लिए तैयार है। लू ने कहा, बीते पचास सालों में चीन व यूरोप के बीच कोई टकराव नहीं है , ना ही भू-राजनीतिक संघर्ष नहीं है। उन्होंने दोनों को एक दूसरे का साझेदार बताया।
हालांकि आपको बता दें ट्रंप पुतिन के समर्थन में उतरकर रूस-यूक्रेन जंग को समाप्त करना चाहते है। पुतिन और शी जिनपिंग करीबी सहयोगी है। ट्रंप और पुतिन के बीच बढ़ते मेल-मिलाप को लेकर बीजिंग में चिंता बनी हुई है।
आपको बता दें कई सालों से यूएस और उसके सहयोगियों से पैदा होने खतरों का सामना करने के लिए चीन ने रूस का रूख किया, लेकिन अब ट्रंप और पुतिन की दोस्ती से ड्रैगन को डर सता रहा है। चीन ईयू के साथ अपने रिश्तें बढ़ाना चाहता है। चीन ईवी वाहनों और बैटरियों के लिए यूरोप में मार्केट बनाना चाहता है, इससे बचने के लिए यूरोपीय संघ ने स्वदेशी मॉडलों की सुरक्षा के लिए चीनी ई-वाहनों पर भारी शुल्क लगाया हुआ है। चीन अब अमेरिका में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई तनातनी के बाद ईयू देशों के नजदीक आने की कोशिश में लगा हुआ है। ट्रंप से तनातनी के बाद ईयू नेताओं ने जेलेंस्की के साथ एकजुटता दिखाई। चीनी मीडिया ने बड़े पैमाने पर प्रसारित किया।
Created On :   4 March 2025 6:58 PM IST