US Strikes On Yemeni Oil Port: अमेरिका का हूती विद्रोहियों पर अब तक सबसे बड़ा हमला,रास ईसा तेल बंदरगाह पर की एयरस्ट्राइक, 74 की मौत, सैंकड़ों घायल

- अमेरिका ने यमन के रास ईसा तेल बंदरगाह पर किए हवाई हमला
- हमले के समय बंदरगाह पर कई लोग कर रहे थे काम
- यमन की अर्थव्यवस्था और मानवीय सहायता पूर्ति के लिए अहम है बंदरगाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने यमन के हूती विद्रोहियों पर बड़ा हमला किया। यूएस एयरफोर्स की रास ईसा तेल बंदरगाह पर की गई एयरस्ट्राइक में 74 हूती विद्रोहियों की मौत हो गई है, जबकि 171 लोग घायल हो गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक हमला गुरुवार देर रात उस समय पर किया गया जब बंदरगाह पर काम करने वालों लोगों की संख्या ज्यादा थी।
अमेरिकी आर्मी की सेंट्रल कामांड ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि इसका मकसद हूती विद्रोहियों के ईधन और आर्थिक संसाधनों को कमजोर करना था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले में बंदरगाह और इसके आसपास के क्षेत्रों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। बंदरगाह कर्मचारी और ट्रक ड्राइवर भी हमले की चपेट में आ गए।
बता दें कि यमन का रास ईसा बंदरगाह देश की अर्थव्यवस्था और मानवीय सहायता पूर्ति के लिए काफी अहम है। यहां से यमन का 70 फीसदी से अधिक आयात होता है। इस हमले के बाद इलाके में स्थानीय लोगों का काफी विरोध प्रदर्शन देखा गया है। हूती विद्रोही समर्थित न्यूज चैनल ने विस्फोट और उससे हुए नुकसान के कुछ वीडियो भी जारी किए हैं। इन वीडियो में जलते हुए ट्रक, मलबा और लोगों के शव दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट मुताबिक इस अमेरिकी हमले में बंदरगाह के कई कर्मचारी भी घायल हुए हैं।
वहीं इस हमले के बाद हूती अफसर मोहम्मद नासिर अल-लतीफी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि यमन की जनता को गाजा का सपोर्ट करने से कोई नहीं रोक सकता। बल्कि इससे तो उनके इरादे और मजबूत होंगे। वहीं, हमले के कुछ घंटों बाद इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने यमन से दागी गई एक मिसाइल को रोक लिया है।
बता दें कि नवंबर 2023 से हूतियों ने उन जहाजों पर सौ से ज्यादा हमले किए हैं जिन पर उन्हें लगता है ये इजराइल से जुड़े हैं। वहीं अमेरिका ने यमन को पहले भी और अब भी चेतावनी दी है कि यदि लाल सागर में हमले नहीं रुके, तो सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी। बता दें कि इस हमले ने यमन की अर्थव्यवस्था, मानवीय सहायता और अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों को बुरी तरह प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में क्षेत्रीय तनाव और भी बढ़ सकते हैं।
Created On :   18 April 2025 8:19 PM IST