मलाला यूसुफजई ने अफगान तालिबान से छात्राओं के स्कूल फिर से खोलने का आह्वान किया

Malala Yousafzai calls on Afghan Taliban to reopen girls schools
मलाला यूसुफजई ने अफगान तालिबान से छात्राओं के स्कूल फिर से खोलने का आह्वान किया
अफगानिस्तान मलाला यूसुफजई ने अफगान तालिबान से छात्राओं के स्कूल फिर से खोलने का आह्वान किया

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने अफगानिस्तान में तालिबान नेतृत्व से लड़कियों के लिए तत्काल प्रभाव से माध्यमिक विद्यालयों को फिर से खोलने का आह्वान किया है। उन्होंने इस मांग को युद्धग्रस्त राष्ट्र के नए शासकों को संबोधित एक खुले पत्र में रखा है। यूसुफजई और अन्य अफगान महिला अधिकार कार्यकतार्यओं ने खुले पत्र में लिखा, तालिबान अधिकारियों के लिए.. लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध हटाओ और लड़कियों के माध्यमिक विद्यालयों को तुरंत फिर से खोलो। पाकिस्तानी कार्यकर्ता को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों ने 2012 में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्वात घाटी के उनके गृहनगर में सिर में गोली मार दी थी, क्योंकि वह महिला शिक्षा की प्रचारक और समर्थक थीं।

उनका खुला पत्र अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता हथियाने के एक महीने बाद सामने आया है। तालिबान नेताओं ने पहले कहा था कि वे देश में बालिका शिक्षा की अनुमति देंगे। हालांकि, तालिबान ने केवल लड़कों के शिक्षण संस्थानों को खोलने की अनुमति दी है और लड़कियों के स्कूलों को फिर से खोलने की अनदेखी की है। भले ही तालिबान नेतृत्व शिक्षा सहित देश में महिलाओं को शिक्षा के सभी अधिकार प्रदान करने का वादा करता है, लेकिन कई लोग अनिश्चित हैं कि क्या वह वादा पूरा होगा। यूसुफजई की मांग को वैश्विक मान्यता और वैल्यू मिल सकती है, लेकिन इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि तालिबान इसे अनदेखा कर सकता है।

तालिबान ने युसुफजई और उसके परिवार को बार-बार धमकी दी थी और जब संभव हो तो उसे मारने की कसम खाई थी और उन पर महिलाओं को शिक्षा के लिए अपने घरों से बाहर जाने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया था, जो उनका दावा है कि यह इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है। अफगानिस्तान में महिला शिक्षा का भविष्य तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार की स्थापना के खिलाफ दुनिया की प्रमुख चिंताओं में से एक है। वैश्विक शक्तियों ने तालिबान से महिलाओं को उनके बुनियादी मानवाधिकार, स्वतंत्रता और शिक्षा सहित पूर्ण अधिकारों का प्रावधान सुनिश्चित करने की मांग की है।

तालिबान ने भले ही प्रतिबद्धताओं में वैश्विक मांग को पूरा किया हो, लेकिन जमीन पर ऐसा कोई प्रतिबिंब नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि देश महिलाओं के घर छोड़ने की अनुमति के खिलाफ सख्त और कठोर है। अफगान सरकार अपनी बिगड़ती वित्तीय और आर्थिक स्थिति को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता को फिर से खोलने के लिए वैश्विक मान्यता चाहती है। हालांकि, वैश्विक समुदाय ने यह सुनिश्चित किया है कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार जब तक बातचीत नहीं करती और अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करती है, तब तक कोई मान्यता प्रदान नहीं की जा सकती है, जिसमें अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए शिक्षा और बुनियादी अधिकारों की मुफ्त पहुंच शामिल है।

(आईएएनएस)

 

Created On :   19 Oct 2021 6:30 PM IST

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