उधम सिंह नहीं इस वकील के लिए देखें केसरी 2: वायसराय की मोटी सैलेरी वाली नौकरी छोड़ी, जलियांवाला बाग पर लिखी किताब से लंदन को दहलाया, डायर से माफी मांगने से किया इंकार

वायसराय की मोटी सैलेरी वाली नौकरी छोड़ी, जलियांवाला बाग पर लिखी किताब से लंदन को दहलाया, डायर से माफी मांगने से किया इंकार
  • क्यों खास है अक्षय की फिल्म केसरी 2
  • कौन थे सी शंकरन नायर
  • क्या थी जलियांवाला बाग हत्याकांड की सच्चाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' 18 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म में दर्शकों को जलियांवाला बाग हत्याकांड की दर्दनाक स्टोरी देखने को मिलने वाली है। जब भी जलियांवाला बाग की बात होती है तो हमें सरदार उधम सिंह और सरदार भगत सिंह की याद आती है। वहीं बॉलीवुड ने इस पर पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं। केसरी 2 में दर्शकों को एक नई रियल स्टोरी देखने को मिलने वाली है जिसके बारे में पहले इतना जिक्र नहीं हुआ है। फिल्म में आपको बैरिस्टर सी शंकरन नायर की कहानी देखनो को मिलेगी जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड का ना सिर्फ विरोध किया था बल्कि कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी। लेकिन अगर आपके मन में सवाल है कि, फिल्म केसरी 2 में क्या खास होने वाला है फिल्म की कहानी का आधार क्या होने वाला है? इसी के साथ फिल्म का अंत क्या होगा? ये सारे प्रश्नों के जवाब आपको इस स्टोरी में डिटेल में जानने को मिल जाएंगे।

क्यों खास है केसरी 2?

फिल्म केसरी 2 एक ऐसे वकील की कहानी पर बेस्ड है। जिसका अमृतसर से कोई नाता नहीं था लेकिन मन में भारतीयता के भाव गहरे तक बसे थे। इसलिए जब दिल दहाल देने वाले जलियांवाला बाग कांड की खबर मिली तो वो शांत नहीं बैठ सके। उन्होंने ऐसी घटना पर नाराजगी जताई और वायसराय की परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। लेकिन जब लगा कि इतने पर भी उनकी आवाज अनसुनी ही हो रही है। तब एक किताब लिखी जिसकी वजह से लंदन में बैठी ब्रितानिया हुकुमत की गद्दी भी हिल गई। उन्हें लंदन बुलाया गया और वहां उन पर केस भी दायर किया गया। उनकी हिम्मत का आलम देखिए कि माफी मांग कर अंग्रेजों के सामने झुकने की बजाय उन्होंने भारी जुर्माना भरना चुना। उनकी लिखी किताब आज भी अंग्रेजों के दौर पर लगा एक काला धब्बा है। फिलहाल कुछ कंफर्म नहीं है, पर माना जा रहा है कि धर्मा प्रोडक्शंस, लियो मीडिया कलेक्टिव और केप ऑफ गुड फिल्म्स के बेनर तले बन रही, केसरी चैप्टर 2 में इतिहास की इसी घटना को दिखाया गया है। इस मूवी को करण सिंह त्यागी ने डायरेक्ट किया है। बता दें कि, फिल्म केसरी 2 में बैरिस्टर सी शंकरन नायर की कहानी को पहली बार पर्दे पर दिखाया जाएगा।

कौन थे सीएस नायर?

सी नायर का जन्म साल 1857 में केरल के मनकारा गांव में हुआ था। नायर ने स्कूल की पढ़ाई केरल के पालक्कड़ जिले के मनकारा गांव में एक अंग्रेजी स्कूल में की। स्कूली के बाद उन्होंने मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। 1870 के दशक में, नायर ने मद्रास लॉ कॉलेज से लॉ की डिग्री हासिल की और मद्रास हाईकोर्ट में अपना करियर शुरू किया। साल 1887 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। 1907 में वे मद्रास सरकार के महाधिवक्ता नियुक्त होने वाले पहले भारतीय बने और बाद में उसी न्यायालय में 1908 में मद्रास के न्यायाधीश बने। जलियांवाला बाग हत्याकांड के समय सीएस नायर शिक्षा मंत्री और वायसराय की कार्यकारी परिषद में एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि थे, जो किसी भी भारतीय के लिए बहुत बड़ा सम्मान था।

कार्यकारी परिषद से इस कारण दिया इस्तीफा

जब अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ, तो पंजाब में प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगा दी गई थी। अंग्रेजों ने घटनाओं के बारे में कई तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। खबर सीएस नायर तक पहुंची तो वे बहुत परेशान हो गए। इससे नाराज सीएस नायर ने विरोध करते हुए13 अप्रैल 1919 कार्यकारी परिषद से इस्तीफा देने का फैसला किया। अपने लेटर में उन्होंने लिखा, 'अगर किसी देश पर शासन करना है तो यह जरूरी है कि निर्दोष लोगों का कत्लेआम किया जाए और कोई भी नागरिक अधिकारी किसी भी समय सेना को बुला सकता है और दोनों मिलकर जलियांवाला बाग की तरह लोगों का कत्लेआम कर सकते हैं, तो यह देश रहने लायक नहीं है।'

यहां नहीं रूके नायर, पुस्तक लिख कर ब्रिटिश सरकार को हिलाया

सीएस नायर के इस्तीफे से ब्रिटिशों को झटका लगा, जिसके कारण पंजाब में मार्शल लॉ हटा दिया गया। 1922 में सीएस नायर ने 'गांधी एंड एनार्की' नाम की एक किताब लिखी, जिसमें उन्होंने माइकल ओ डायर पर नरसंहार के दौरान अत्याचारों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। माइकल ओ डायर पंजाब सरकार के लेफ्टिनेंट थे और उस समय तक वे बर्खास्त होकर इंग्लैंड लौट चुके थे। नायर के आरोप के कारण माइकल ओ डायर ने उन पर मानहानि का मुकदमा दायर किया, जिसकी सुनवाई लंदन के उच्च न्यायालय में हुई। मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश खुद भारतीयता के खिलाफ थे। यह मामला पांच हफ्ते तक चला और अदालत के इतिहास में सबसे लंबा था। चूंकि मामले में सर्वसम्मति से कोई फैसला नहीं हुआ था, इसलिए नायर को दो ऑप्शन दिए गए: ओ'डायर से माफी मांगें या 7,500 पाउंड दें, और उन्होंने दूसरा विकल्प चुना। फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' इसी मामले पर आधारित हो सकती है। आपको बता दें कि, फिल्म किताब द केस दैट शुक द एम्पायर पर बेस्ड है।


किताब द केस दैट शुक द एम्पायर में क्या है?

रघु पालत और पुष्पा पालत ने किताब "द केस दैट शुक द एम्पायर" को लिखा है। ये किताब जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद की सच्चाई को उजागर करती है जिसमें सी शंकरन नायर के ब्रिटिश राज के खिलाफ संघर्ष को दिखाया गया। सी. शंकरन नायर एक बैरिस्टर थे जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ाई लड़ी। बता दें कि, किताब के लेखक रघु पलाट सी शंकरन नायर के परपोते हैं।

जलियांवाला बाग कांड पर अब तक बनी ये फिल्में

जलियांवाला बाग (1977)

जलियांवाला बाग फिल्म को बलराज ताह ने डायरेक्ट किया है और गुलजार ने इस फिल्म को लिखा है। इस फिल्म में विनोद खन्ना, परीक्षित साहनी, शबाना आजमी, गुलजार और दीप्ति नवल जैसे कलाकार नजर आए थे। यह शहीद उधम सिंह की कहानी है, जिन्होंने 1940 में जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लिया था, और जनरल डायर की हत्या कर दी थी।

गांधी (1982)

इस फिल्म को इंटरनेशनल डायरेक्टर रिचर्ड एटनबरो ने डायरेक्ट किया था। बता दें कि यह फिल्म हिस्टोरिकल ड्रामा फिल्म साल 1982 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में जलियांवाला बाग और देश की राजनीति के मुद्दों को दिखाया गया है। इस फिल्म ने कई अवार्ड अपने नाम किए थे।

द लेजेंड ऑफ भगत सिंह (2002)

अजय देवगन की यह फिल्म भगत सिंह के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में जलियांवाला बाग हत्याकांड को भी दिखाया गया है।

रंग दे बसंती (2006)

आमिर खान की ये फिल्म नई जनरेशन और स्वतंत्रता सेनानियों के बीच एक संबंध दिखाती है। इस फिल्म में भी जलियांवाला बाग नरसंहार का जिक्र किया गया है। इस फिल्म के गाने आज भी लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं।

मिडनाइट्स चिल्ड्रन (2012)

‘फायर’, ‘अर्थ’ और वॉटर जैसी फिल्मों का डायरेक्शन करने वाले चुकी दीपा मेहता ने साल 2012 में ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रनं’ फिल्म बनाई थी। बता दें कि यह फिल्म सलमान रुश्दी के उपन्यास पर बेस्ड थी। इस फिल्म में कुछ जगहों पर जलियांवाला बाग की घटना को दिखाया गया है।

फिल्लौरी (2017)

अनुष्का शर्मा की इस फिल्म के कुछ सीन जलियांवाला बाग में फिल्माए गए थे। फिल्म में दिलजीत दोसांझ के किरदार की जलियांवाला बाग में हत्या कर दी जाती है।

सरदार उधम (2021)

विक्की कौशल की इस फिल्म में जलियांवाला बाग हत्याकांड की भयावह कहानी को दिखाए गया है। यह फिल्म उधम सिंह के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने जनरल 'डायर की हत्या करके इस भयावह नरसंहार का बदला लिया। इस फिल्म को फैंस ने काफी पसंद किया था और फिल्म को नेशनल अवॉर्ड के साथ ही कई सारे अवॉर्ड्स दिए गए।


क्या था जलियांवाला बाग हत्याकांड

जलियांवाला बाग हत्याकांड पंजाब के अमृतसर शहर में गोल्डन टेंपल के पास जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को हुआ था। ये दिन अंग्रेजों से आजादी के लिए भारत के संघर्ष के सबसे काले दिनों में से एक है। 13 अप्रैल को बैसाखी का दिन था अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सभा रखी गई, जिसमें कुछ नेता भाषण देने वाले थे। शहर में कर्फ्यू लगा हुआ था। इसमें सैंकड़ों लोग ऐसे भी थे, जो बैसाखी के मौके पर परिवार के साथ मेला देखने और शहर घूमने आए थे और सभा की खबर सुन कर वहां जा पहुंचे थे। तभी ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर 90 ब्रिटिश सैनिकों को लेकर वहां पहुमच गया। उन सब के हाथों में भरी हुई राइफलें थीं और बाग से निकलने का एकमात्र रास्ता भी बंद कर दिया गया था। इसके बाद जनरल डायर ने बिना किसी चेतावनी के फायरिंग करनी शुरु कर दी। लगभग दस मिनट तक गोलीबारी जारी रही, जब तक कि सैनिकों के गोला-बारूद खत्म नहीं हो गए। अंत में, लगभग 400 से 1,000 लोग मारे गए और 1,200 से अधिक घायल हुए। जबकि उस समय पुरुष, महिलाएं और बच्चे समेत कम से कम 10,000 लोग बाग में मौजूद थे।

क्या था रॉलेट एक्ट

इस नरसंहार की शुरुआत रॉलेट एक्ट के साथ शुरू हुई, जो 1919 में ब्रिटिश सरकार ने लागू किया था। जिसने उन्हें बिना मुकदमे के राजद्रोह के संदेह वाले किसी भी व्यक्ति को कैद करने की अनुमति दी थी। इस कानून का मकसद राष्ट्रीय आंदोलनों को कुचलना था। जनरल रेजिनल्ड डायर के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सरकार ने विरोध को अपने अधिकार के लिए खतरे के रूप में देखा और कार्रवाई करने का फैसला किया। जिसके बाद इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। अब देखना होगी की 18 अप्रैल को रिलीज हो रही अक्षय की फिल्म केसरी 2 कितना कमाल दिखा पाती है और शंकर नायर के किरदार को कितना अच्छे से पर्दे पर पेश करने में कामयाब हो पाती है।

Created On :   10 April 2025 3:52 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story