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Shahdol News: सवा लाख आबादी वाले शहडोल में सीबीएसई की सिर्फ एक ही सरकारी स्कूल

- सीबीएसई की पढ़ाई के लिए कक्षा ग्यारहवीं में साइंस की कुल 40 सीट
- आबादी ज्यादा और पढ़ाई के लिए सीटें कम होने का सीधा नुकसान जरूरतमंद बच्चों को हो रहा है।
- शहर के नागरिक शहडोल में एक और केंद्रीय विद्यालय की मांग कर रहे हैं।
Shahdol News: सवा लाख आबादी वाले संभाग मुख्यालय शहडोल में सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) की सिर्फ एक ही सरकारी स्कूल केंद्रीय विद्यालय है। शहर के बच्चे जब शिक्षा के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए कक्षा ग्यारहवीं में विषय चयन के विचार करते हैं तब पढ़ाई के लिए शहर में सरकारी स्कूल का संकट खड़ा हो जा रहा है। क्योंकि केंद्रीय विद्यालय में कक्षा ग्यारहवी में साइंस विषय में गणित और विज्ञान मिलाकर सिर्फ 40 सीट है, इतनी ही सीट कामर्स विषय की है।
आबादी ज्यादा और पढ़ाई के लिए सीटें कम होने का सीधा नुकसान जरूरतमंद बच्चों को हो रहा है। ऐसे बच्चे निजी स्कूलों में मंहगी शिक्षा ले नहीं पाते और सरकारी स्कूल में सीट कम होने से प्रवेश नहीं मिलता। गौरतलब है कि सीबीएसई माध्यम के जिलेभर में सात और आवासीय विद्यालय हैं। इनमें कन्या शिक्षा परिसर और एकलव्य विद्यालय शामिल हैं। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित इन स्कूलों में आदिवासी बच्चों की पढ़ाई होती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में नहीं करनी पड़ेगी मशक्कत
शहर के नागरिकों को एक और केंद्रीय विद्यालय की सौगात दिलाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। जानकार बताते हैं कि वर्तमान में कल्याणपुर में संचालित केंद्रीय विद्यालय को ही दो शिफ्ट में चलाकर सौगात दिलाई जा सकती है। पहली शिफ्ट सुबह 6 से 12 और दूसरी शिफ्ट 12 से 5 बजे चलाकर छात्र व अभिभावकों को सुविधा दिलाई जा सकती है। यहां भवन, मैदान के साथ ही अन्य संसाधन है। कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी पड़ेगी।
शहडोल में एक और केंद्रीय विद्यालय जरूरी
शहर के नागरिक शहडोल में एक और केंद्रीय विद्यालय की मांग कर रहे हैं। इस बारे में सांसद हिमाद्री सिंह से भी मांग रख चुके हैं। जिला कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र भारती ने बताया कि इस बारे में पहले सांसद से चर्चा भी हुई है। शहडोल शहर में आबादी के लिहाज से एक केंद्रीय विद्यालय और जरूरी है। भाजपा के पूर्व महामंत्री कैलाश तिवारी कहते हैं कि वर्तमान में जिस स्थान पर केंद्रीय विद्यालय है, उसी को दो शिफ्ट में चलाकर शहर के नागरिकों को इसी शिक्षा सत्र से सुविधा दिलाई जा सकती है। शहडोल संभाग नागरिक विकास मंच के संदीप अग्रवाल का कहना है कि जरूरतमंद बच्चों को भी बेहतर शिक्षा का लाभ मिलना चाहिए। शहर की आबादी सवा लाख हो रही है इसलिए एक और केंद्रीय विद्यालय खुलना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री से मिलकर रखेंगे मांग : सांसद
सांसद हिमाद्री सिंह ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय की सुविधा को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर मांग रखेंगे। कोशिश होगी कि शहडोल से नागरिकों को जल्द से जल्द सुविधा मिले।
Created On :   2 April 2025 1:24 PM IST