Shahdol News: अवैध कोयला खदानें बंद कराने में पुलिस, प्रशासन व खनिज विभाग नाकाम रहा

अवैध कोयला खदानें बंद कराने में पुलिस, प्रशासन व खनिज विभाग नाकाम रहा
  • मौके पर पहुंची टीम को वहां कोयले की सभी 40 अवैध खदानें आबाद मिलीं।
  • गड्ढों से प्रतिदिन दस ट्रक से ज्यादा कोयले का अवैध खनन हो रहा है।
  • पुलिस, प्रशासन तथा खनिज विभाग कोयले की इन अवैध खदानों को बंद कराने में और इस जानलेवा काले कारोबार को बंद कराने में नाकाम रहा।

Shahdol News: बटुरा में सोन नदी के तट पर आबाद कोयले की करीब 40 अवैध खदानों (सुरंगों) में से एक खदान के समीप रामखेलावन का चोटिल शव मिलने और उसके परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों से यह बात सामने आ गई है कि जिले मेें कोयले का अवैध खनन व परिवहन बदस्तूर जारी है। न सिर्फ बटुरा बल्कि धनगवां, नवलपुर, पटासी में अवैध खनन का सिलसिला एक बार फिर प्रारंभ हो गया है। पुलिस, प्रशासन तथा खनिज विभाग कोयले की इन अवैध खदानों को बंद कराने में और इस जानलेवा काले कारोबार को बंद कराने में नाकाम रहा।

डेढ़ महीने पहले गई थीं 2 जानें

बटुरा की ताजी वारदात से डेढ़ महीने पहले 16 फरवरी को संभागीय मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर धनगवां के चुनिया गड़ई में कोयले के अवैध खनन के दौरान मजदूर दंपति ओंकार और पार्वती की मौत हो गई थी। पुलिस व प्रशासन ने इस इलाके की अवैध कोयला खदानों (सुरंगों) को बंद कर दिए जाने का दावा किया।

इसी तरह से अवैध कोयला खनन के लिए ख्यात बटुरा में कोल माफिया द्वारा बनाए गए 40 गड्ढों को खनिज विभाग और पुलिस की टीम ने बीती एक मार्च को भरने का दावा किया था। हकीकत बुधवार को रामखेलावन का शव मिलने पर सामने आई। मौके पर पहुंची टीम को वहां कोयले की सभी 40 अवैध खदानें आबाद मिलीं।

महज 25 दिन बंद रहा काम

कोयले के काले कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक धनगवां में मजदूर दंपति की मौत के बाद करीब तीन सप्ताह काम बंद रहा। अवैध खननकर्ता भी भूमिगत हो गए। बाकी शांत बैठ गए लेकिन पुलिस, प्रशासन तथा खनिज महकमे की इस मामले में सक्रियता कम होते ही, इनकी लापरवाही और श्रसम अदायगी वाली कार्रवाई का फायदा कोल माफिया ने उठाया। हादसे के 25 दिन बाद धनगवां, नवलपुर, पटासी में अवैध खनन का सिलसिला प्रारंभ हो गया।

इसके बाद बटुरा में भी बदस्तूर कोयले का खनन प्रारंभ हो गया। इसकी पुष्टि बुधार को मौके पर मिले बटुरा के ग्रामीणों ने भी की। उन्होंने बताया कि इन गड्ढों से प्रतिदिन दस ट्रक से ज्यादा कोयले का अवैध खनन हो रहा है।

पुलिस प्रशासन का भय नहीं

मृतक रामखेलावन की पत्नी और नातिन दोनों ने हत्या के पीछे कोयला माफिया का हाथ होना बताया है। ग्रामीणों ने भी बताया कि कोल माफिया बटुरा की तीन दर्जन से अधिक कोयला खदानों काम कराने गरीबों को लाते थे और उनसे जबरन कोयला खुदवाते थे। विरोध करने पर मारपीट, यहां तक कि हत्या कर दी जाती। बुधवार को भी अमलाई पुलिस ने रामखेलावन के मामले की प्रारंभिक जांच के बाद हत्या की वजह पुरानी रंजिश का अंदेशा जताया तो ग्रामीण उत्तेजित हो गए और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए एनएच पर जाम लगा दिया।

मृतक राम खेलावन के परिजनों ने भी इस मामले में कोयला माफिया पर ठोस कार्रवाई की मांग की है। इधर एसपी रामजी श्रीवास्तव ने अमलाई पुलिस के हवाले से यह बताया है कि मृतक के भतीजे द्वारा आरोपियों के बेटी को भगा ले जाने के कारण लंबे समय आपसी रंजिश रही है। अमलाई पुलिस हत्या की यह ठोस वजह मान रही हे। एसपी ने बताया कि, अमलाई पुलिस ने चार संदेहियों को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि, जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

Created On :   4 April 2025 5:39 PM IST

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