समर में कूल रखता है योगासन और प्राणायाम

Yoga asana and Pranayama is very helpful in the summer season
समर में कूल रखता है योगासन और प्राणायाम
समर में कूल रखता है योगासन और प्राणायाम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मौसम बदलकर दूसरे मौसम का रूप लेता है और हर मौसम अपने हिसाब से वातावरण में परिवर्तन लाता है। शरीर और मस्तिष्क फिट रहे इसके लिए कुछ साधारण से अभ्यास कर सकते हैं। चाहे कोई भी मौसम में योग से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। इन दिनों तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है ऐसे में योग के आसनों से गर्मी में भी शरीर को ठंडक मिलती है। बढ़ती गर्मी में शरीर को शीतलता प्रदान करने के लिए योगाचार्य हंसराज मिश्र ने योग आसन बताए, जिससे शरीर को शीतलता मिलती है। गर्मी में योग, ध्यान और श्वास के अभ्यास से खुद को शीतल बनाए रखें। कुछ छोटे-छोटे अभ्यासों के द्वारा स्वस्थ और खुश रहा जा सकता है। तापमान में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है ऐसे में शीतली और शीतकारी प्राणायम करना फायदेमंद होता है। 

शीतली प्राणायाम का करें अभ्यास
जब भी आप किसी बस का इंतजार कर रहे हों, तो बस में चढ़ने से कुछ मिनट पहले आप शीतली प्राणयाम का अभ्यास कर सकते हैं। अपनी जीभ बाहर निकालें और जीभ के दोनों किनारों को ऊपर की ओर मोड़कर बीच में कर लें। मुंह से सांस लें, थोड़ी देर सांस को रोकें और नाक से सांस बाहर निकाल दें। इसे पांच से दस बार दोहराएं, इससे आपके शरीर का तापमान कम होने लगेगा।

फल, सब्जियां और दही खाएं
मसालेदार भोजन, चाय, कॉफी और चीनी की मात्रा कम करें। वसायुक्त भोजन करने से बचें, क्योंकि इससे आपके पाचन तंत्र और हृदय पर अतिरिक्त भार पड़ता है। फल, सब्जियों और दही का अधिक से अधिक प्रयोग करें पर इन्हें एक साथ न लें। नींबू पानी की मात्रा बढ़ाएं, इसमें एक चुटकी नमक डाल कर पीएं। नींबू पानी आपके शरीर को शीतल कर सकता है पर अधिक मात्रा में इसे लेने से आपका पित्त बढ़ सकता है।

अधिक से अधिक पानी पिएं
जितना अधिक पानी पीएंगे उतना ही आपके लिए अच्छा होगा। शरीर का सत्तर प्रतिशत हिस्सा पानी है इसलिए यह सुनिश्चित करें कि इसमें पानी की मौजूदगी पर्याप्त रूप में बनी रहे। ढेर सारा पानी पीने के साथ-साथ दिनचर्या में शीतकारी प्राणायाम भी शामिल कर सकते हैं। अपना मुंह खोलकर अपने दांतों को भींच लें और जीभ से दांतों पर जोर दें। सांस भीतर की ओर लें। अपना मुंह बंद करें और नाक से सांस छोड़ दें। इसे पांच से दस बार दोहराएं।

चंद्रभेदी प्राणायाम से मिलती है ठंडक
जब बाहर तापमान अधिक होता है तो बेचैनी और थकान महसूस होने लगती है। इस समय चंद्रभेदी प्राणायाम करने की आवश्यकता होगी। श्वास की यह तकनीक आपके तंत्रिका तंत्र और नाड़ियों (ऊर्जा के अत्यंत सूक्ष्म प्रवाह पथ) को शीतल करती है। अपने सीधे हाथ के अंगूठे से दाई ओर का नाक बंद करें। ली गई सांस को बाई नाक से पूरी तरह से बाहर निकाल दें। फिर बाई नाक से सांस भरें। बाई नाक को अनामिका उंगली से बंद करें और दाई नाक से सांस बाहर निकाल दें। इसे पांच से दस बार दोहराएं। 
 

Created On :   26 April 2019 2:07 PM IST

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