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Nagpur News: पेंच में छोड़े गए गिद्धों में 4 की मौत, 3 लापता, 3 वन विभाग के रडार पर

- हरियाणा से नागपुर लाए गए थे लंबी चोंच वाले 10 गिद्ध
- योजना पूरी तरह सफल होती नहीं दिख रही
Nagpur News पेंच व्याघ्र प्रकल्प में छोड़े गए 10 गिद्धों में से 4 की मौत हो गई है, जबकि 3 लापता हैं। बचे हुए 3 गिद्ध वन विभाग के रडार पर हैं। गिद्धों की संख्या में तेजी से कमी के कारण वन विभाग ने यह प्रयास शुरू किया था, जिसमें हरियाणा से लंबी चोंच वाले 10 गिद्धों को नागपुर के पेंच में लाया गया था। उम्मीद थी कि, ये गिद्ध जंगल में पहले से मौजूद गिद्धों के साथ मिलकर अपनी संख्या बढ़ाएंगे, लेकिन यह योजना पूरी तरह सफल होती नहीं दिख रही है।
जीपीएस टैग लगाकर जंगल में छोड़ा था : पर्यावरण दूत के रूप में पहचाने जाने वाले गिद्धों की संख्या में तेजी से कमी चिंता का विषय है। इसे देखते हुए वन विभाग ने बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, मुंबई के सहयोग से लुप्तप्राय: गिद्ध प्रजाति को बचाने की दिशा में काम शुरू किया। इसके तहत जनवरी में हरियाणा से 10 लंबी चोंच वाले गिद्धों को पेंच में लाया गया। इन्हें कुछ दिन एवियरी में रखा गया, जहां उन्हें जंगल के माहौल का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद प्रत्येक गिद्ध को 50 ग्राम वजनी जीपीएस टैग लगाकर जंगल में छोड़ा गया, ताकि वे धीरे-धीरे जंगल के माहौल में ढल सकें और किंग वल्चर, सफेद चोंच, लंबी चोंच, व लाल गर्दन जैसे गिद्धों की प्रजातियों के साथ रह सकें।
भोजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है : शुरूआत+योजना पूरी तरह सफल होती नहीं दिख रही में ये गिद्ध एवियरी के आस-पास ही रहे, लेकिन बाद में वे थोड़ा दूर जाने लगे। वन विभाग ने निरीक्षण के दौरान पाया कि, इन गिद्धों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। गिद्ध मरे हुए जानवरों का मांस खाते हैं, लेकिन जंगल में वन्यजीवों का प्राकृतिक रूप से मरना बहुत कम होता है। शिकार किए गए जानवरों को बाघ, भेड़िया, लकड़बग्घा जैसे जंगली जानवर खा लेते हैं, जिससे गिद्धों के लिए भोजन नहीं बचता है। पहले गांववाले मरे हुए मवेशियों को गांव के बाहर फेंक देते थे, जिससे गिद्धों को भोजन मिल जाता था, लेकिन अब अधिकांश गांववाले मरे हुए मवेशियों को जमीन में दफना देते हैं, जिसके कारण गिद्धों के लिए भोजन उपलब्ध नहीं हो पाता।
2 महाराष्ट्र, 2 म.प्र. में मृत पाए गए | इस समस्या के समाधान के लिए वन विभाग ने जंगल के आस-पास के 40 गांवों के साथ मिलकर डम्पिंग यार्ड तैयार करने की योजना बनाई थी। बावजूद 4 गिद्धों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 2 मध्य प्रदेश के जंगल में और 2 महाराष्ट्र के जंगल में मृत पाए गए। बाकी 6 गिद्धों में से 3 रडार पर हैं, जबकि 3 रडार से बाहर हैं और वन विभाग उनकी तलाश कर रहा है। गिद्धों की मौत का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल सका है।
मौत का कारण स्पष्ट नहीं है : पेंच के जंगल में छोड़े गए 10 गिद्धों में से 4 की मौत हो चुकी है, जबकि 3 रडार पर नहीं हैं और उनकी तलाश जारी है। गिद्धों की मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। -किशोर मानकर, क्षेत्र संचालक, पेंच, नागपुर
Created On :   19 April 2025 7:26 PM IST