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Nagpur News: फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले में पांच आरोपी जेल रवाना

- पुलिस ने आरोपियों को तीन दिन का पीसीआर मांगा
- फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों ने लगाई नौकरी
Nagpur News भंडारा जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राचार्य पद पर नियुक्ति देने के मामले में बुधवार को पुलिस ने शिक्षा उपसंचालक उल्हास नरड सहित सभी पांच आरोपियों को अदालत में पेश किया। पुलिस ने आरोपियों को तीन दिन का पीसीआर मांगा। लेकिन अदालत ने यह मांग खारिज करते हुए सभी पांच आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दिया। भंडारा जिले की लाखनी तहसील अंतर्गत नानाजी पुडके विद्यालय में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों ने अयोग्य पराग पुडके को बतौर प्राचार्य पद पर नियुक्ति की थी। पराग वर्ष 2010 से वेतन उठाकर सरकार को चूना लगा रहा था। इसका खुलासा होने से पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उल्लेखनीय बात यह है कि, 9 अप्रैल 2015 को शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नागपुर विभाग में 580 शिक्षक व कर्मचारियों की नियुक्ति प्रथम दृष्टया फर्जी पाई गई है। यानी शिक्षा विभाग ने ही खुद नियुक्तियों को फर्जी करार दिया है।
अधिकारी दस्तावेजों के साथ पुणे मुख्यालय तलब |नागपुर विभाग में शिक्षक और कर्मचारियों की भर्ती का घोटाला उजागर होने के बाद अब शिक्षा विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी है। माध्यमिक, प्राथमिक शिक्षाधिकारी सहित वेतन अधिकारी और कर्मचारियों को दस्तावेजों के साथ पुणे मुख्यालय बुलाया गया है। अधिकारी दस्तावेजों के साथ पुणे पहुंच गये हैं, लेकिन वे इस मामले से कोई भी संबंध होने से इनकार कर रहे हैं।
नियुक्ति पर रोक के बावजूद मंत्रालय स्तर से मान्यता | दरअसल 2012 में स्कूलों में छात्र की पड़ताल की गई थी। इसमें पाया गया कि छात्रों की संख्या कम होने से कई शिक्षक अतिरिक्त हो गये हैं। 2 मई 2012 को शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया। इसमें स्पष्ट किया गया कि जब तक शिक्षक-कर्मचारियों के समायोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, नई नियुक्ति न की जाए। यदि संस्था स्तर पर नियुक्ति की जाती है तो उसे शिक्षाधिकारियों द्वारा मान्यता न दी जाए। इसके बावजूद मंत्रालय स्तर पर मान्यता लाई गई। जिस कारण इस पूरे मामले में बड़े अधिकारियों की साठगांठ होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
शिक्षक महासंघ की एसआईटी जांच की मांग | महाराष्ट्र माध्यमिक शिक्षक महासंघ ने फर्जी शिक्षक भर्ती और शालार्थ आईडी प्रकरण की विशेष जांच दल (एसआईटी) के माध्यम से जांच की मांग की है। इस मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री और शिक्षण मंत्री को एक निवेदन भेजा गया है।
Created On :   17 April 2025 1:54 PM IST