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Nagpur News: हिमोफिलिया से पीड़ित किशोर की सफल सर्जरी, दस लाख में एक को होती है बीमारी
- मेडिकल की टीम ने की सर्जरी, डागा ने दिया रक्त का फैक्टर 9
- दुर्लभ व दर्दनाक बीमारी से था पीड़ित
Nagpur News. चंद्रपुर जिले के नागभीड़ स्थित आदिवासी क्षेत्र के एक 16 साल के किशाेर अजीत शेंडे को गंभीर चोट लगने के कारण उपचार के लिए मेडिकल में भर्ती किया गया था। 20 दिन पहले एक सड़क दुर्घटना में उसका दाहिना पैर जख्मी हुआ था। वाहन के गर्म साइंलेंसर से पांव चल गया था। वहां गहरा घाव होकर लगातार रक्तस्त्राव हो रहा था। मेडिकल में भर्ती करते ही डॉक्टरों की टीम ने किशाेर की तुरंत दखल ली। सभी आवश्यक जांच तत्काल की गई। जांच में पता चला कि अजीत को हिमोफिलिया बी नामक दुर्लभ अनुवांशिक रक्त विकार की बीमारी है। इस बीमारी रे पीड़ित को शरीर में चोट लगनेपर रक्तस्त्राव बंद नहीं होता। यह बीमारी दस लाख लोगों में से किसी एक को होती है। अजीत को पहले सेवाग्राम वर्धा में तीन दिन उपचार के लिए रखा गया था। इसके बाद उसे एम्स नागपुर में रेफर किया गया। यहां से आगे मेडिकल में भेजा गया।
डागा ने उपल्ब्ध करा दी 50 वायल्स
मेडिकल में सर्जरी विभाग प्रमुख डॉ. ब्रिजेश गुप्ता के मार्गदर्शन में डॉ. प्रवीण भिंगारे और उनकी टीम ने तुरंत उपचार शुरु किया। मरीज को बचाने के लिए उसके दाहिने पैर की तत्काल सर्जरी करना जरुरी था। लेकिन रक्त के फैक्टर 9 की कमी के कारण सर्जरी करना मुश्किल था। हिमोफिलिया के मरीजों का रक्तस्त्राव रोकने के लिए फैक्टर 9 की आवश्यकता होती है। मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने जरुरत और समय देखते हुए तत्काल डागा हॉस्पिटल के हिमोफिलिया यूनिट प्रभारी डॉ. संजय देशमुख व जिला सिविल सर्जन डॉ. निवृत्ति राठोड से संपर्क किया। उन्हें मरीज की जानकारी दी। उन्होंने तुरंत मरीज की जान बचाने फैक्टर 9 की 50 वायल्स उपलब्ध करा दी। इसके बाद एम्स नागपुर के रक्तविकार विशेषज्ञ डॉ. विश्वदीप के मार्गदर्शन में मेडिकल के डॉक्टरों की टीम ने मरीज की जटिल सर्जरी की। यह सर्जरी सफल हुई।
दुर्लभ व दर्दनाक बीमारी से था पीड़ित
मेडिकल की सर्जरी टीम में डॉ. प्रवीण भिंगारे, डॉ. अनुप वाकोडकर, डॉ. प्रदीप शिवसारण, डॉ. पंकज टोंगसे, डॉ. महिमा अद्वैत्या, डॉ. रेवती पूल्लावर, डॉ. शिवलीला होसांगडी, डॉ. सिद्धी छाजेड, डॉ. प्रणाली पटले, डॉ. युहेश खन्ना, पैथोलॉजिस्ट डॉ. शैलेंद्र जांभुलकर, डॉ. मंजिरी माकडे, डॉ. तृप्ति लाडे, डॉ. संदीप पोराटकर, इन्चार्ज सिस्टर आशा मोडक, नर्सिंग स्टाफ प्रतिमा उईके और भरत सांगोडे शामिल थे। अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने कहा कि मेडिकल में मरीजों के उपचार व उनकी सहायता के लिए सदैव प्रयास किया जाता है। इसी प्रयास के चलते किशोर को नया जीवन मिला है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने कहा कि हिमोफिलिया एक दुर्लभ और दर्दनाक बीमारी है। किशोर की जान बचाने के लिए सिविल सर्जन डॉ. निवृत्ति राठोड व डागा अस्पताल के डॉ. संजय देशमुख का योगदान मिला। इस कारण किशोर की सर्जरी समय पर हो सकी। डॉ. संजय देशमुख ने कहा कि समय पर फैक्टर उपलब्ध होने से किशोर की सर्जरी हो पायी। वहीं डॉगा के हिमोफिलिया सेंटर में रक्त के फैक्टर व दवाएं निशुल्क उपलब्ध करायी जाती है।
Created On :   18 April 2025 7:41 PM IST