बच्चों के कल्याण के लिए समन्वय के साथ करें कार्य - राज्य बाल हक संरक्षण आयोग

Work in coordination for the welfare of children
बच्चों के कल्याण के लिए समन्वय के साथ करें कार्य - राज्य बाल हक संरक्षण आयोग
गोंदिया  बच्चों के कल्याण के लिए समन्वय के साथ करें कार्य - राज्य बाल हक संरक्षण आयोग

डिजिटल डेस्क, गोंदिया.  बच्चों के हित के लिए सभी को एकसाथ मिलकर आपसी समन्वय से कार्य करना चाहिए। इनके प्रति हमेशा जागरूक रहकर उन्हें न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य है। इसके साथ ही बाल कल्याण समिति एवं इस क्षेत्र में कार्यरत अधिकारी तथा संस्थाओं को भी बच्चों के संबंध में बनाए गए कानून का गहराई से अध्ययन करना चाहिए। कानून के दायरे में रहकर ही अन्यायग्रस्त बालकों एवं महिलाओं को न्याय दिलाना अधिक प्रभावी सिद्ध होगा। उक्ताशय के उद्गार राज्य बाल हक्क संरक्षण आयाेग के सदस्य अधि. संजय सेंगर ने 19 सितंबर काे जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बाल कल्याण समिति, बाल न्याय मंडल एवं पाेस्को कानून की समीक्षा बैठक में व्यक्त किए। बैठक में उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय गणवीर, बाल कल्याण अधिकारी गजानन गोबाडे, कामगार कल्याण अधिकारी उज्ज्वल लोया, शिक्षाधिकारी कादर शेख, बाल कल्याण समिति के सदस्य स्वयंसेवी संस्था एवं विविध विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 

बाल कल्याण समिति एवं बाल न्याय मंडल के कार्यों की समीक्षा बैठक में की गई। सेंगर ने कहा कि शालाओं में बच्चों को आनंददायी शिक्षण दिया जाना चाहिए। साथ ही किसी भी प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक सजा देना कानूनन अपराध है। यह बात सभी को समझनी चाहिए। बच्चों को गुड टच एवं बेड टच से अवगत कराना चाहिए। जिला बाल संरक्षण कक्ष द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी गजानन गोबाडे ने दी। उन्होंने बताया कि पोस्को कानून के अंतर्गत 79 मामलों में गृह जांच की गई। सावधानी एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले 968 बच्चों की गृह जांच की गई। इसके अलावा 989 बच्चों का समुपदेशन भी किया गया। कोविड के कारण एक अथवा दोनों पालकों को गवा देने वाले 333 बच्चों के घर जाकर जांच की गई। कोविड के कारण अनाथ हुए 12 बच्चों को अनाथ प्रमाणपत्र वितरित कर शासन की विविध योजनाओं का लाभ दिया गया।


 बैठक में गोंदिया में बालगृह, शिशुगृह एवं निरीक्षण गृह स्थापित करने की मांग की गई। इस मांग को अत्यंत उचित और उपयोगी बताते हुए शासन स्तर पर प्रयास करने का आश्वासन भी सेंगर ने दिया। बाल संगोपन योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में जिले में 824 बच्चों को 92 लाख 93 हजार 950 रूपए का लाभ दिया गया। वर्ष 2022-23 के लिए 866 बच्चों को लाभ देने के लिए 57 लाख 30 हजार 600 रुपए की मांग की गई है। अनुदान प्राप्त होते ही यह राशि वितरित की जाएगी।  

‘बस्ता मुक्त शाला’ उपक्रम को अमल में लानेवाला पहला जिला बना गोंदिया  

अधी. अजय सेंगर, सदस्य, राज्य बाल हक्क संरक्षण आयोग के मुताबिक गोंदिया जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल पाटील की संकल्पना से जिला परिषद शालाओं में हर शनिवार को क्रियान्वित किया जाने वाला ‘बस्ता मुक्त शाला’ उपक्रम अभिनंदनीय है। इसके कारण बच्चों के व्यक्तित्व विकास में निश्चित रूप से सहायता मिलेगी। इस तरह का उपक्रम क्रियान्वित करने वाला गोंदिया राज्य का पहला जिला है। 

 

Created On :   20 Sept 2022 7:45 PM IST

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