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Gondia News: गोंदिया में मध्यम प्रकल्पों के बाद मामा तालाबों ने तोड़ा दम

Gondia News जिले को तालाबों का जिला तो कहा जाता है, लेकिन नियोजन के अभाव में तालाबों का पानी बड़े तेजी से घटता जा रहा है। भविष्य में तालाबों के जिले में ही भीषण जलसंकट का सामना जिलावासियों को करना पड़ेगा। मध्यम प्रकल्पों के बाद अब मामा तालाबों ने भी दम तोड़ना शुरू कर दिया है। जिले में 38 मामा तालाब है, जहां पर मात्र 32.38 प्रतिशत ही जल भंडारण है। जबकि पिछले वर्ष 69.15 प्रतिशत जल संग्रहित था।
बता दें कि गोंदिया जिले में 9 मध्यम प्रकल्प व 23 लघु प्रकल्प के अलावा सिंचाई विभाग के दस्तावेजों पर 38 मामा तालाबों का रिकार्ड दर्ज है। इन तालाबों से पीने के पानी के अलावा फसलों को सिंचाई उपलब्ध की जाती है। लेकिन प्रतिवर्ष रबी फसलों का क्षेत्र बढ़ते जाने तथा अल्प बारिश से तालाब शत-प्रतिशत भर नहीं पाते, तो वहीं दूसरी ओर तालाबों का समय-समय पर गहराईकरण नहीं होने के कारण अल्प बारिश में ही तालाब भर जाते है और ग्रीष्मकाल के पूर्व से ही बड़े तेजी से तालाबों का जल स्तर घटने लग जाता है। मध्यम प्रकल्पों के बाद अब मामा तालाबों ने भी दम तोड़ना शुरू कर दिया है। जिले के 38 मामा तालाबों में मात्र 32.48 ही प्रतिशत जल बचा हुआ है, जो भविष्य के लिए जल संकट के आसार है।
यह तालाब सूखने की कगार पर : सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले के अधिकांश तालाबों में पानी नहीं के बराबर है। जिसमें सड़क अर्जुनी तहसील के चिरचाडी के मामा तालाब में 15.28 बोपाबोडी के मामा तालाब में 13.92, गोंदिया तहसील के फुलचूर के मामा तालाब में 13.37, अर्जुनी मोरगांव के गोठनगांव तालाब में 15.47, सड़क अर्जुनी के गिरोला के तालाब में 13.20, अर्जुनी माेरगांव तहसील के कवठा मामा तालाब में मात्र 7.7, कोहलगांव तालाब में 6.58, ककोड़ी मामा तालाब में 15.67, काटी के मामा तालाब में 10.62, पलसगांव-सौंदड़ के मामा तालाब में 7.8 प्रतिशत जल भरा हुआ है। उपरोक्त तालाबों की परिस्थिति को देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि, यह तालाब ग्रीष्मकाल के दौरान सूख जाएंगे।
Created On :   11 April 2025 4:39 PM IST