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वैनगंगा में पानी के 293 नमूने अयोग्य, कैंसर को मिल रहा खुला आमंत्रण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व विदर्भ में पेयजल आपूर्ति के मामले में सबसे महत्वपूर्ण वैनगंगा नदी का पानी स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं हैं। जांच किए गए 1002 नमूनों में से 293 नमूने पीने के योग्य नहीं पाए गए हैं। इस पानी से कैंसर को खुला आमंत्रण मिल रहा है। जनहानि के अलावा बड़े पैमाने पर प्राणी हानि की संभावना बनी है। खासकर भंडारा, तुमसर क्षेत्र में स्थिति खराब है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से मान्यताप्राप्त एनाकॉन लेबोरेटरीज की अध्ययन रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी है।
मछली की जांच
भंडारा मत्स्य विभाग ने वैनगंगा के पानी व उसमें पल रही मछलियों की जांच करने के लिए मछलियों के नमूने एनाकान लेबोरेटरीज को भेजे थे। इस लेबोरेटरीज में मछली के पेट, किडनी, लीवर व आंत की जांच की गई। उसमें कैडमिएम पदार्थ अधिक मात्रा में पाया गया है। सामान्यत: कैडमिएम की मात्रा 0.3 होना चाहिए। लेकिन वह 1.65 पायी गई है। इससे वैनगंगा का पानी प्रदूषित व खतरनाक साबित हुआ है। वैनगंगा में प्रदूषण के लिए नागपुर की नागनदी का दूषित पानी भी सहभागी है। वैनगंगा का पूरा पानी दूषित हो रहा है। कैडमिएम जस्ता जैसी धातु है। इससे किडनी व अन्य अंगों के रोग बढ़ने लगते हैं। कैंसर की भी संभावना बढ़ जाती है। जांच के लिए पानी के जो नमूने लिए गए वे भंडारा व तुमसर तहसील क्षेत्र के हैं।
मध्यप्रदेश से आता है साफ पानी
वैनगंगा नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से होता है। आरंभ में इस नदी का पानी काफी साफ रहता है। बालाघाट, वारासिवनी, तिरोडा तहसील से लगे गांवों तक की स्थित ठीक है। यह नदी तुमसर के गांवों से होकर भंडारा शहर के पास कारधा में पहुंचती है। फिर पवनी तहसील में मुड़ जाती है। उसके बाद तेलंगाना की ओर जाती है। इस नदी पर पवनी तहसील में गोसीखुर्द बांध का निर्माण किया गया है। उससे वैनगंगा का प्रवाह रुका है। गोसीखुर्द में नागपुर का मलीन पानी मिलने से इस नदी का प्रदूषण अधिक होता है।
गौरतलब है कि इस नदी के पानी से तुमसर, भंडारा, पवनी नगरपरिषद में पेयजल आपूर्ति होती है। कई गांवों को भी पीने का पानी मिलता है। प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए वैनगंगा नदी के पास के करीब 45 गांवों में कार्यकारी अभियंता, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग व अन्य विभागों के सहयोग से जलशुद्धीकरण संयंत्र लगाने की योजना है। इनमें से 31 गांवों में संयंत्र लगा दिए गए हैं। अन्य के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इस नदी के परिसर में मलीन पानी प्रक्रिया संयंत्र प्रस्तावित है। 2021 तक प्रस्ताव कार्यान्वित होने की अपेक्षा है।
कई बार उठाया गया है मुद्दा
वैनगंगा के प्रदूषण का मुद्दा कई बार उठाया गया है। सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया है। कांग्रेस के नेता व विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले इस मामले को लेकर आक्रामक भूमिका में रहे हैं। भंडारा के पालकमंत्री रहे विधानपरिषद सदस्य परिणय फुके ने प्रदूषण नियंत्रण की उपाययोजना की पहल की थी। लेकिन उपाययोजना पर अमल नहीं हाे पाया। विधानमंडल के इसी बजट सत्र में विधानपरिषद सदस्य गिरीश व्यास ने भी यह मामला उठाया था।
Created On :   14 March 2020 4:05 PM IST