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अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में बढ़ीं 4 हजार सीटें, पारंपरिक पाठ्यक्रमों की ओर बढ़ रहा रूझान
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी ने संलग्न कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की करीब 4 हजार सीटें बढ़ाई है। इसमें बीएससी, बी.कॉम, बीए जैसे पारंपरिक पाठ्यक्रमों का समावेश है। बता दें कि इस साल भी इन्हीं पाठ्यक्रमों की ओर विद्यार्थियों का रुझान है, ऐसे में अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में जल्दी सीटें फुल हो गई थीं। बड़ी संख्या मेें विद्यार्थी वेटिंग में थे। लिहाजा यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को सीटें बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा था। यूनिवर्सिटी ने इनकी 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने की तैयारी की। करीब 92 कॉलेजों से 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ, जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने उन्हें अनुमति प्रदान की।
इसलिए वेटिंग लिस्ट
यूनिवर्सिटी द्वारा बीते दिनों अनेक कॉलेजों में नियमित शिक्षक नहीं होने से प्रथम वर्ष में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिए गए थे, जिससे प्रवेश दे रहे कॉलेजों में विद्यार्थियों की बड़ी वेटिंग लिस्ट हैं। पिछले कुछ वर्ष की ही तरह तकनीकी पाठ्यक्रमों को छोड़ विद्यार्थियों का रुझान बीएससी और बी.कॉम जैसे पाठ्यक्रमों की ओर है। नागपुर के अधिकांश प्रसिद्ध कॉलेजों में इन पाठ्यक्रमों की सीटें लगभग फुल हैं। ऐसे में नागपुर विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रमों की प्रवेश क्षमता बढ़ाने के लिए प्रस्ताव मंगाए थे। यूनिवर्सिटी को 92 कॉलेजों के प्रस्ताव मिले हैं। पिछले वर्ष 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने के लिए नागपुर यूनिवर्सिटी को कुल 103 कॉलेजों ने प्रस्ताव भेजे थे। यूनिवर्सिटी ने इनकी 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने को मान्यता दी थी।
अतिरिक्त सेक्शन बढ़ाने में रुचि नहीं
कॉलेजों में 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने के अलावा यूनिवर्सिटी ने जल्द गति से पूरा एक अतिरिक्त सेक्शन बढ़ाने की भी पेशकश की थी। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने 26 जुलाई से 3 अगस्त के बीच कॉलेजों से प्रस्ताव मंगाए थे। शर्त थी कि कॉलेज का एनबीए या फिर नैक मूल्यांकन होगा, तब ही एक अतिरिक्त सेक्शन बढ़ा कर दिया जाएगा। इस अवधि में किसी भी कॉलेज से यूनिवर्सिटी को प्रस्ताव नहीं मिला। हां, ऑनलाइन लिंक बंद होने के एक घंटा पूर्व नागपुर के ही एक कॉलेज ने यूनिवर्सिटी के कॉलेज सेक्शन से संपर्क किया, लेकिन डेडलाइन निकल जाने से उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं हो सका।
Created On :   8 Aug 2019 4:52 PM IST