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यूनिवर्सिटी ने MBA का रिजल्ट एक सप्ताह विलंब से किया अपलोड, परेशान होते रहे स्टूडेंट्स
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपनी खामियों व कामकाज को लेकर सुर्खियों में रहने वाले नागपुर यूनिवर्सिटी में फिर एक बवाल मचा हुआ है। परीक्षाओं में लगातार एक के बाद एक त्रुटियां सामने आ रही हैं। कभी प्रश्नपत्र में तो कभी परीक्षा परिणाम जारी करने में। हाल ही में एमबीए चौथे सेमिस्टर के परीक्षा परिणामों में विश्वविद्यालय की एक बड़ी गलती सामने आई। दरअसल, यूनिवर्सिटी ने 20 जून को एमबीए चौथे सेमिस्टर के नतीजे जारी किए। विद्यार्थियों को जो मार्कशीट दर्शाई जा रही थी, उस पर रिजल्ट की तारीख 12 जून थी। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने 12 जून का रिजल्ट 20 जून को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया। समस्या यह हुई कि, नियम के अनुसार रिजल्ट जारी होने के 4 दिन के भीतर ही पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करना पड़ता है। 8 दिन विलंब होने से नौबत पुनर्मूल्यांकन का मौका गंवाने तक आ गई थी। ऐसे में यूनिवर्सिटी के पूर्व सीनेट सदस्य महेंद्र निंबार्ते ने इस विषय को यूनिवर्सिटी प्रशासन के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया।
हरकत में आया परीक्षा विभाग
उनके आवाज उठाते ही परीक्षा विभाग हरकत में आया। यूनिवर्सिटी प्रभारी परीक्षा नियंत्रक डॉ. अनिल हिरेखण के अनुसार यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार शाम तक सुधारित नतीजे जारी कर दिए, किसी भी विद्यार्थी को पुनर्मूल्यांकन से वंचित नहीं रहना होगा। मामले में निंबार्ते ने कहा कि, विश्वविद्यालय की ओर से परिणाम जारी करने में यह पहली गलती नहीं है। गौरतलब हो कि इसके पूर्व एमए का परीक्षा परिणाम तो 16 जून को जारी हुआ लेकिन 28 मई को वेबसाइट पर अपलोड किया गया। न केवल हजारों विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन से वंचित रहने की स्थिति में आए। बाद में सुधारित नतीजे जारी किए गये । इसके अलावा अन्य दो पाठ्यक्रमों के साथ भी ऐसा ही हुआ। निंबार्ते के अनुसार इसमें परीक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही प्रोमार्क कंपनी की गलती है। विश्वविद्यालय प्रशासन को उन पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन यूनिवर्सिटी के बड़े अधिकारी कंपनी को संरक्षण देते हैं।
Created On :   22 Jun 2019 4:26 PM IST