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स्पेशल ट्रेन का किराया भी होता है विशेष, कीमत औसतन अधिक
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। यात्रियाें की प्रतीक्षा सूची को कम करने के लिए व अन्य कारणों जैसे त्योहार या कोई विशेष उत्सव के दौरान रेलवे की ओर से विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं। इन विशेष ट्रेनों में यात्रियों को सुविधा देने की बात कही जाती है, लेकिन यात्रियों को सबसे ज्यादा विशेष ट्रेनों की टिकट दर की मार सहनी पड़ती है। आम नागरिकों के लिए रेलवे सबसे सस्ता और सुरक्षित माध्यम है, इसलिए सबसे ज्यादा उपयोग ट्रेन का किया जाता है, लेकिन जब भी विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं, टिकट दर आम एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में अधिक होती है।
ऐसी होती है किराए की गणना
इस विषय पर अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि विशेष ट्रेनों में टिकट दरें किसी प्रतिशत के अनुसार नहीं बढ़ाई जाती हैं। सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन में तत्काल के चार्ज जोड़कर जो टिकट मूल्य होता है, लगभग उसी कीमत की टिकट दर विशेष ट्रेनों की रहती है।
छूट भी नहीं
विशेष ट्रेनों में टिकट दर बढ़ने के साथ ही इसमें किसी तरह के की कोई छूट नहीं रहती है। इसमें कोई कोटा लागू नहीं हाेता है। सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, महिला जैसे कोटा लागू नहीं हैं। चाहे यात्री किसी भी वर्ग या कोटे का हो, उसे टिकट दर मंे कोई छूट नहीं दी जाती। टिकट बुकिंग के दौरान यह विकल्प ही नहीं होते हैं।
सर्विस चार्ज भी बढ़ा
आम नागरिक टिकट दर में 5 या 10 रुपए की बढ़ोतरी पर भी सोच-विचार करता है। सितंबर-2019 से इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर भी सर्विस चार्ज लेना शुरू कर दिया है। इसमें नॉन एसी ट्रेन की बुकिंग पर 15 रुपए और एसी क्लास पर 30 रुपए सर्विस चार्ज लेना शुरू कर दिया है। सरकार ने 3 साल पहले पहले आईआरसीटीसी के जरिए ट्रेन टिकट बुकिंग पर सर्विस चार्ज खत्म कर दिए थे।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऐसा किया गया। उस वक्त नॉन-एसी के टिकट पर 20 रुपए और एसी पर 40 रुपए चार्ज लगता था। सिर्फ 15 रुपए बढ़ने से पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस या ऑफलाइन टिकट बुकिंग काउंटर) पर लंबी कतार में लगकर टिकट लेने के लिए जद्दोजहद करने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे मंे विशेष ट्रेन की सुविधा देकर भी जरूरतमंदों का एक वर्ग उस सुविधा से वंचित रह ही जाता है।
Created On :   16 Jan 2020 2:23 PM IST