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नागपुर के मुख्य रेलवे स्टेशन के सामने बनेगा 6 लेन ,होने लगी मार्किंग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे स्टेशन के पास मानस चौक से जयस्तंभ चौक तक आवागमन के लिए पुल तोड़ कर 6 लेन मार्ग तैयार किया जानेवाला है। इसके कारण रेलवे को भी बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि सड़क निर्माण में रेलवे की भी जमीन ली जा सकती है। इसके लिए नागपुर मेट्रो के साथ काम कर रही एनसीसी कंपनी ने रेलवे स्टेशन परिसर पर फिजिकल टेस्टिंग और निरीक्षण किया। हालांकि मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल केवल टेस्टिंग किया जा रहा है।
12 फीट दूर मार्किंग की
नागपुर रेलवे स्टेशन को ए 1 ग्रेड और वर्ल्ड क्लास बनाने की तैयारी रेलवे मंत्रालय कर कर रहा है। इसके डिजाइन और कार्य के लिए इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को नोडल एजेंसी के रूप में चुना गया है। साथ ही एनिया कंपनी ने इसकी डिजाइन तैयार की है। इसके साथ ही स्टेशन के सामने पुल को तोड़कर 6 लेन बनाने की तैयारी है। महामेट्रो के साथ काम कर रही कंपनी एनसीसी ने स्टेशन परिसर के गेट से प्रवेश करने के बाद 12 फीट दूर मार्किंग की है। पूछताछ करने पर कंपनी के इंजीनियर ने 10 फीट सर्विस रोड बनाने की बात कही। इस 10 फीट के सर्विस रोड के आगे भी 2 फीट की जगह छोड़ी गई है। उसका भी उपयोग हाे सकता है। यदि उपयोग होता है, ताे स्टेशन के सामने गार्डन, ट्रैफिक पुलिस बूथ पार्किंग की बहुत जगह सड़क बनाने में उपयोग की जाएगी।
टेस्टिंग चल रही
जमीन पर फिलहाल फिजिकल टेस्टिंग चल रही है कि यदि रेलवे की जमीन का उपयोग करते हैं, तो कोई बाधा ताे नहीं होगी। अभी कुछ निश्चित नहीं है कि रेलवे की जमीन का उपयोग करना है या नहीं। अखिलेश हलवे, डीजीएम (कॉरपोरेट), महामेट्रो नागपुर परियोजना
यहां के दुकानदारों के पुनर्वसन को मिली गति
रेलवे स्टेशन के सामने उड़ानपुल के नीचे कई दुकानें बनी हुई हैं। इन दुकानों में सालों से दुकानदार अपना व्यापार कर रहे हैं। विकासकार्य के चलते अब पुल तोड़ने की तैयारी के साथ ही दुकानदारों को पुनर्वसन करने का कार्य भी तेजी से शुरू हो गया है। यह दुकानें एसटी के पुराने कार्यालय जो कि रेलवे स्टेशन के पास है वहां पर शिफ्ट की जा रही है। इसके लिए उस जगह पर शेड लगाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। महामेट्रो ने दुकानों के पुनर्वसन का कार्य शुरू कर दिया है। रेलवे स्टेशन के सामने उड़ानपुल को तोड़ कर परिसर विकास के लिए तकरीबन 134 करोड़ एस्टिमेटेड कॉस्ट रखी है। बताया जा रहा है कि उड़ानपुल के कारण लोगों को गणेश टेकड़ी मंदिर और स्टेशन पर जाने में परेशानी होती थी। भविष्य में मेट्रो और रामझूला के कारण यातायात में परेशानी से बचने मनपा ने इसे तोड़ने का निर्णय लिया था। जय स्तंभ चौक से मानस चौक तक यह स्टेशन के सामने 6 लेन रोड बनने वाला है। इसके साथ ही िकंग्सवे हॉस्पिटल से रामझूला तक उड़ानपुल भी प्रस्तावित है। साथ ही मानस चौक से कॉटन मार्केट तक अंडरग्राउंड रोड बनाना भी प्रस्तावित है।
30 साल के लिए लीज पर हैं दुकानें
रेलवे स्टेशन के सामने दुकानें 1960 से है। यहां पर रोज हजारों यात्री आते हैं और उनके लिए चाय नाश्ता और खाने की कई दुकानें हैं। 1975 में पहली बार यहां की दुकानें तोड़ी गई थीं। 1982 में फिर से कार्रवाई की गई। दुकानदारों के पास कमाई का एक ही साधन होने के कारण वह टिके रहे। इसके बाद 2002 में मार्ग चाैड़ा करने के लिए फिर से दुकानें तोड़ी गईं। इसके बाद मनपा ने उड़ानपुल बनाया जिसके नीचे दुकानें बनाई गई। 2009 से यह दुकानें 30 साल के लिए लीज पर दी गई।
मनपा का पहला पुल
तत्कालीन मनपा आयुक्त टी. चंद्रशेखर के कार्यकाल में यह उड़ानपुल बनाया गया था। 2006 में इस पुल पर यातायात शुरू हुआ। उस समय इस पुल पर 16 करोड़ खर्च किए गए थे। मनपा का बनाया हुआ शहर में यह पहला पुल है।
Created On :   21 Nov 2019 2:30 PM IST