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ट्रायल के लिए अब अलग न्यायालय, सरकारी मामलों की भी होगी यहीं सुनवाई
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में एनडीसीसी बैंक घोटाले से जुड़े ट्रायल के लिए अतिरिक्त सीजेएम एस.आर.तोतला की अध्यक्षता में अलग न्यायालय का गठन किया है।
आरोप तय करने को कहा
यह कोर्ट एनडीसीसी के अलावा सरकार द्वारा निर्धारित मामलों को छोड़ किसी अन्य प्रकरण की सुनवाई नहीं लेगा। हाईकोर्ट ने इस कोर्ट को 11 नवंबर को आरोपियों पर दोष तय करने को कहा है, किसी परिस्थितिवश सुनाई स्थगित करनी हो, तो तीन दिन से ज्यादा स्थगित नहीं की जा सकती। 2 दिसंबर से निचली अदालत को डे-टू-डे ट्रायल चलाना होगा।
इस पर आदेश
प्रकरण में वर्षों से लंबित ट्रायल के मुद्दे को याचिकाकर्ता ओमप्रकाश कामडी ने नागपुर खंडपीठ के समक्ष उठाया था, जिस पर न्या.सुनील शुक्रे और न्या.रोहित देव की खंडपीठ ने उक्त आदेश जारी किया। साथ ही ट्रायल कोर्ट ने इस 15 दिन में रिपोर्ट भी मांगी है।
और यह भी
गुरुवार की सुनवाई में हाइकोर्ट में यह भी मुद्दा उठा कि विचाराधीन जनहित याचिका में अब तक मुंबई के आरोपी संजय अग्रवाल को नोटिस तामिल नहीं हुआ है। ऐसे में हाईकोर्ट ने आर्थर रोड जेल अधीक्षक और माहिम पुलिस थाने को अग्रवाल को नोटिस थमाने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले में उसे जमानत भी मिली है, नागपुर खंडपीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आपराधिक मामलों के मुख्य सरकारी वकील और आर्थिक अपराध शाखा को इस प्रकरण के जल्द से जल्द निपटारे के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार, विशेष लेखा परीक्षक विश्वनाथ असवरे ने बैंक का ऑडिट करके 29 अप्रैल 2002 में गणेशपेठ पुलिस थाने मंे शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बैंक के पूर्व अध्यक्ष सुनील केदार, महाव्यवस्थापक अशोक चौधरी और अन्य पर धारा 406, 409, 468, 12-ब, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन मामले में ट्रायल में अत्याधिक देरी हो रही थी। इस मुद्दे को हाईकोर्ट जनहित याचिका के रूप में सुनने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर कामकाज देख रहे हैं।
Created On :   8 Nov 2019 12:57 PM IST