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हस्तशिल्प प्रदर्शनी में मूर्तियां कर रहीं आकर्षित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में जारी मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी-2020 मृगनयनी में गणपति की विभिन्न मुद्राओं वाली मूर्तियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। प्रदर्शनी में मप्र के कई पुरस्कार प्राप्त कलाकारों की कृतियां हैं। मूर्तियों के साथ तरह-तरह की सजावटी सामान उपलब्ध हैं। धातुओं के मोर हाथी दीप भी लोगों को पसंद आ रहे हैं। प्रदर्शनी के प्रभारी एम. एल. शर्मा के अनुसार मप्र सरकार की ओर से पुरस्कृत मूर्तिकार रामजी सोनी, राम स्वरूप सोनी, लोकेशन सोनी की बनाई राधा कृष्ण, गणपति, विष्णु की मूर्तियां प्रदर्शनी में शामिल की गई हैं। पंचधातु की बारीक कारीगरी से सजी गणेशजी की विभिन्न मुद्रा वाली मूर्तियां आकर्षण का विशेष केंद्र हैं। एक मार्च से शुरू प्रदर्शनी 11 मार्च तक जारी रहेगी।
चंदेरी की साड़ियां
प्रदर्शनी में डिजाइनों से सजी चंदेरी तथा रानी अहिल्याबाई होल्कर घराने में प्रचलित महेश्वर साड़ियां मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इसके साथ ही हस्तशिल्प चांदी के बने पशुपतिनाथ की मूर्तियां, वनस्पति रंगों से तैयार बाटिका, बाग, इंडिगो तथा ब्लॉक प्रिंट लोगों का भा रही हैं।
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पथनाट्य से बच्चों ने दिया संदेश
एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एओपी) नागपुर और दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में केंद्र परिसर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान बच्चों ने पथनाट्य के माध्यम से समाज को जागरूक करने संदेश दिए। कार्यक्रम में मेडिकल के अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे, डॉ. ज्योति चव्हाण, डॉ. अर्चना जैस्वाल, डॉ. पंकज अग्रवाल आदि उपस्थित थे। निर्णायक की भूमिका एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की अध्यक्ष डॉ. शुभदा खिरवडकर, संजय भाकरे, डॉ. स्मिता देसाई, बरखा माथुर ने निभाई।
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इन विषयों पर हुआ कार्यक्रम
पांचवीं से आठवीं के विद्यार्थियों के लिए ‘सड़क सुरक्षा, स्वच्छता ही सुंदरता है और फिट हैं तो तंदुरुस्त हैं’ विषय रखे गए थे, जिसमें प्रथम स्कूल ऑफ स्कालर्स, वानाडोंगरी और द्वितीय सेंट उर्सुला गर्ल्स स्कूल रहा। 8वीं से 10वीं के बच्चों के लिए ‘डिजिटल युग के धोखे, हम व्यसनों से कैसे दूर रहें, सही खाओ, स्वस्थ जियो’ विषय रखे गए थे, जिसमें प्रथम फंडू किड्स और द्वितीय टिपटॉप कॉन्वेंट रहा। खुला वर्ग के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटे को समझाओ, मोबाइल फोन हमारे मालिक या सेवक, प्रदूषण निवारण, दें सांसों की सरगम और क्या हम हमारी कला और संस्कृति से रिश्ता खोते जा रहे है’ विषय रखे गए थे। इसमें प्रथम दीनानाथ हाईस्कूल के शिक्षक और द्वितीय मातृसेवा संघ सीताबर्डी की दूसरे वर्ष की नर्सिंग की छात्राएं रहीं।
Created On :   11 March 2020 11:55 AM IST