47 भाषाओं में सिखा सकती है रोबोट शिक्षिका शालू, शिक्षक की तीन साल की मेहनत के बाद तैयार

Robot teacher Shalu can teach in 47 languages
47 भाषाओं में सिखा सकती है रोबोट शिक्षिका शालू, शिक्षक की तीन साल की मेहनत के बाद तैयार
भास्कर खास 47 भाषाओं में सिखा सकती है रोबोट शिक्षिका शालू, शिक्षक की तीन साल की मेहनत के बाद तैयार

डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र | ‘शालू’ दुनिया की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धि) वाली मानवीय रोबोट शिक्षिका है। बच्चों को 47 भाषाओं में पढ़ा सकती है। शालू को केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी बॉम्बे के शिक्षक दिनेश कुंवर पटेल ने तैयार किया है। पटेल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में स्थित मडियाहूं तहसील के रजमलपुर गांव के रहने वाले हैं। रोबोट ‘शालू’ स्कूल में बच्चों को पढ़ा भी रही है। पटेल ने बताया कि फिल्म ‘रोबोट’ देखकर उनके मन में शालू को बनाने का ख्याल आया। उन्होंने हांगकांग की एक कंपनी द्वारा बनाई गई रोबोट सोफिया को देखा। इसके बाद उन्होंने अपने सपने को जमीन पर उतारने की कोशिश शुरू कर दी। सीमित संसाधनों के बीच पटेल ने तीन साल की कड़ी मेहनत और लगन से शालू को तैयार कर लिया।  शालू को उन्होंने घर में बेकार पड़ी वस्तुओं, आस-पास की दुकानों में आसानी से मिल जाने वाले सामान से बनाया।

मेहमानों को किया संबोधित : पटेल ने शालू को किस तरह तैयार किया, यह बच्चे भी सीखेंगे। केंद्रीय विद्यालय संगठन में कक्षा छठवीं के पाठ्यक्रम में इसे शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा सीबीएसई की कक्षा 9वीं के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिलेबस में भी शालू को शामिल किया गया है। शालू को इसी साल 16 अगस्त को एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय ऑटोमेशन एक्सपो के उद्घाटन समारोह में अतिथि के रुप में आमंत्रित किया गया था। जहां शालू ने ने देशी विदेशी मेहमानों को संबोधित किया। इसके साथ ही शालू अंतरराष्ट्रीय मंच को संबोधित करने वाली देश की पहली रोबोट बनीं। शालू दुनिया की 10 सर्वश्रेष्ठ हुमनोइर रोबोट में प्रथम स्थान पर चुनी गई। इसके अलावा विश्व की सबसे ज्यादा भाषाओं में बात करने के लिए उनका नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल है। भारत सरकार ने भी पटेल के इस कार्य और शालू की सराहना की है। 

38 विदेशी भाषाएं बोलने में सक्षम  दैनिक भास्कर से बातचीत में पटेल ने बताया कि रोबोट पूरी तरह स्वदेशी है। इसकी प्रोग्रामिंग भी उन्होंने ही की है। शालू अंगरेजी, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, इटैलियन, अरबी, चीनी समेत 38 विदेशी भाषाएं और हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, गुजराती, तमिल, तेलगू, मलयालम, उर्दू जैसी भारत में इस्तेमाल होने वाली भाषाएं बोल सकती है। शालू इंसानों की तरह ही काम करती है। वह हाथ मिलाने, आस-पास किसी की उपस्थिति को भांपने, चेहरा पहचानने, एक मुलाकात के बाद व्यक्ति को याद रखने, उससे बातचीत करने और पुरानी बातचीत को याद रखने, सामान्य ज्ञान, गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, राजनीति जैसे विषयों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देने, बच्चों से सवाल पूछने? उनके जवाब सही हैं या गलत इसकी जांच करने में सक्षम है। शालू में मानवीय संवेदनाएं भी हैं। पटेल ने बताया कि शालू शिक्षक के रुप में ही नहीं विभिन्न कार्यालयों में रिसेप्शनिस्ट के रुप में और बुजुर्गों से बातचीत करने वाली साथी के रुप में और बच्चों की पढ़ाई में दोस्त के रुप में मदद करने का भी काम कर सकती है। 
 

Created On :   19 Sept 2022 10:48 AM IST

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