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Mumbai News: फर्जी दस्तावेज पर अवैध रूप से रहने वाले व्यक्ति को रिहा करने से इनकार

- अदालत ने आरोपी व्यक्ति की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कार्पस) याचिका की खारिज
- सहार पुलिस ने मुंबई हवाई अड्डे से व्यक्ति को फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी के साथ किया था गिरफ्तार
Mumbai News. बॉम्बे हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेज पर भारत में अवैध रूप से रहने वाले व्यक्ति सुरेश भुजेल को रिहा करने से इनकार कर दिया। अदालत ने उसकी पत्नी स्नेहा भुजेल की दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैवियस कार्पस) याचिका की खारिज कर दी। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन क्लीयरेंस डिपार्टमेंट के अधिकारियोंं ने सुरेश भुजेल को फर्जी वोटर आईडी के साथ पकड़ा और सहार पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने उसे फर्जी दस्तावेज के जरिए भारत में अवैध रूप से रहने के मामले में गिरफ्तार कर लिया।
न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एस.एम.मोडक की पीठ के समक्ष स्नेहा भुजेल की दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कार्पस) याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील कृपाशंकर पांडे ने दलील दी कि 17 मार्च को सुबह 9.15 बजे याचिकाकर्ता के पति सुरेश भुजेल को हिरासत में लिया गया और उसे 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश नहीं किया गया। उसे 24 घंटे की अवधि से अधिक समय पर पहली रिमांड के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था, जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (बीएनएसएस) की धारा 58 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 22(2) का उल्लंघन है। इसलिए वह रिहा होने का हकदार है।
पीठ ने कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि गिरफ्तार व्यक्ति को हिरासत में लेने के दूसरे दिन 18 मार्च को दोपहर 1.20 बजे अंधेरी के समक्ष पेश किया गया था। विवाद उसकी गिरफ्तारी के समय को लेकर है। उसे 17 मार्च 2025 को सुबह 9.15 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संदेह के आधार पर पकड़ा गया। वह काठमांडू की फ्लाइट पकड़ने के लिए जा रहा था। उससे पूछताछ में पाया गया कि वह जाली दस्तावेज (आधार कार्ड और वोटर आईडी) के साथ जा रहा था। वह 2000 में नेपाल से मुंबई आया और मुलुंड में फर्जी दस्तावेज बनाकर अवैध रूप से देश में रह रहा था।
इमिग्रेशन क्लीयरेंस डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने सुरेश भुजेल दोपहर 2.30 बजे सहार पुलिस स्टेशन को सौंप दिया। पुलिस ने उसे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336 (2), 336 (3), 318 (4) और 340 (2) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पति को गिरफ्तारी से 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था। इसलिए गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के किसी भी मौलिक अधिकार या वैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ। हमें याचिका में कोई योग्यता नहीं दिखती है। याचिका खारिज की जाती है। आरोपी जमानत के लिए याचिका दायर कर सकता है।
Created On :   11 April 2025 9:45 PM IST