चुनाव न लड़ने वाले राजनीतिक दलों का रद्द होगा पंजीकरण

Registration will be canceled of political parties do not contest elections
चुनाव न लड़ने वाले राजनीतिक दलों का रद्द होगा पंजीकरण
चुनाव न लड़ने वाले राजनीतिक दलों का रद्द होगा पंजीकरण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चुनाव आयोग के पास सिर्फ पंजीयन करा कर कोई चुनाव न लड़ने वाले राजनीतिक दलों की मुश्किले बढ सकती हैं। राज्य में राजनीतिक दलों के बढते पंजीयन पर लगाम लगाने के लिए राज्य चुनाव आयोग ने कानून का सहारा लिया है। राजनीतिक दलों का पंजीयन होने के बाद पांच साल तक स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव में एक भी उम्मीदवार न उतारनेवाले राजनीतिक दल के पंजीयन को रद्द करने का निर्णय किया गया है। आयोग ने इस विषय में राजनीतिक दलों को स्मरण पत्र भेजा है। 

वर्तमान में चुनाव आयोग के पास राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय, पंजीकृत व गैर मान्यता प्राप्त ऐसे कुल 263 राजनीतिक दलों का पंजीयन हैं। वैसे राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय राजनीतिक दल तो चुनाव के समय अपने उम्मीदवार खड़े करते हैं लेकिन ऐसे बहुत से राजनीतिक दल हैं, अपना कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतारते। राज्य चुनाव आयोग ने पाया है कि जब बड़े राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार खड़े करते हैं तो उनकी जीत का समीकरण बिगाड़ने के लिए कई राजनीतिक दल के लोग उम्मीदवार खड़ा करते हैं लेकिन बाद में ऐसे लोग राजनीतिक साठगांठ के बाद चुनाव मैदान से हट जाते हैं। इससे उम्मीदवार का तो फायदा होता जाता है लेकिन चुनाव आयोग के अधिकारियों का काफी समय नष्ट होता है। इससे बचने के लिए कानून में जरुरी सुधार किया गया हैं। 

राज्य चुनाव आयोग के सचिव किरण कुरंदकर ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखा हैं। 25 जुलाई 2018 के बाद पंजीकृत हुए राजनीतिक दलों को पांच साल में कम से कम एक उम्मीदवार का स्थानीय स्वाराज्य संस्था का चुनाव लड़ना अनिवार्य है। फिलहाल केवल चुनाव के लिए पर्चाभर अपना अंतिम दिन नामंकन वापस लेनेवाले राजनीतिक दलों की जानकारी जुटाने का काम जिलास्तर पर जारी हैं। कुरंदकर ने कहा कि राजनीतिक दलों की ओर से स्थानीय चुनाव के दौरान घोषणापत्र जारी किए जाते हैं। जिसमें मतदताओं को लुभाने के लिए कई वादे किए जाते हैं। वास्तविक रुप से इन वादों की कितनी पूर्ति की गई है। इसकी वार्षिक रिपोर्ट राजनीतिक दलों की तरफ से अपनी वेबसाइट, महानगरपालिका आयुक्त अथवा जिलाधिकारी कार्यालय में जमा की गई है अथवा नहीं इस पर नजर रखी जाएगी। 

Created On :   8 March 2020 3:11 PM IST

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