Mumbai News: महाराष्ट्र के ग्रामीण अंचल प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में सुस्त

महाराष्ट्र के ग्रामीण अंचल प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में सुस्त
  • पांच साल में केवल 34 प्रतिशत लक्ष्य पूरा
  • 282 परियोजनाओं में से सिर्फ 97 का काम हुआ पूरा

Mumbai News प्रदेश के ग्रामीण अंचल प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में सुस्त नजर आ रहा है। प्रदेश में स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) चरण दो के तहत प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए 351 तहसीलों में तहसील और समूह स्तर पर 282 परियोजनाएं लगाने का लक्ष्य है। लेकिन लगभग साढ़े चार सालों में 97 परियोजनाओं का काम पूरा हो सका है। यानी प्लास्टिक कचरा प्रबंधन का 34 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है। जबकि 185 परियोजनाओं का काम अभी बाकी है। अब बची परियोजनाओं का काम 31 मार्च 2026 तक पूरी करने के लिए राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।

सरकार की ओर से प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए प्रति परियोजना के लिए 16 लाख रुपए निधि उपलब्ध कराई जाती है। राज्य के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के तहत कुल सात योजनाओं पर काम शुरू है। जिसमें प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए परियोजनाओं के काम लक्ष्य के अनुसार नहीं हो पाया है। लेकिन अब इन परियोजनाओं को गति देने की योजना बनाई गई है। अधिकारी ने बताया कि प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए यूनिट स्थापित की जाती है। जिसमें प्लास्टिक कचरे का पृथक्करण, भंडारण, संग्रहण, ढुलाई और पुनर्चक्रण करके उसका निस्तारण किया जाता है।

व्यक्तिगत शौचालय का 91 प्रतिशत निर्माण : स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) चरण दो के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में शौचालय बनाने के लिए प्रति लाभार्थी परियोजना 12 हजार रुपए प्रदान किया जाता है। इसके तहत 774248 शौचालयों का निर्माण किया जाना है। जिसमें से अभी तक 707756 शौचालयों का निर्माण पूरा हो चुका है। यानी व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण का 91 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। अब 66492 शौचालयों का निर्माण बाकी है।

सार्वजनिक शौचालय का 63 प्रतिशत काम : स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) चरण दो के माध्यम से 22728 सार्वजनिक शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से 14316 सार्वजनिक शौचालय बना दिए गए हैं। सार्वजनिक शौचालयों का 63 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। जबकि 8467 सार्वजनिक शौचालय का निर्माण अभी बाकी है। ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए 3 लाख रुपए तक निधि उपलब्ध कराई जाती है।

ये काम अभी शुरू : अधिकारी ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) चरण दो 11 अक्टूबर 2021 से लागू है। इस योजना के तहत व्यक्तिगत शौचालय, सार्वजनिक शौचालय, ठोस और तरल कचरा प्रबंधन, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, मलीय कचरा प्रबंधन, गोबरधन परियोजना का काम शुरू है। इन सभी योजनाओं का काम 31 मार्च 2026 तक पूरा करने की योजना है।

स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) चरण

काम लक्ष्य पूरा हुआ प्रतिशत

घनकचरा प्रबंधन 40247 32581 81%

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 40247 37682 94%

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन 282 97 34%

गोबरधन 36 31 86%

व्यक्तिगत शौचालय 774248 707756 91%

सार्वजनिक शौचालय 22728 14316 63%

ओडीएफ प्लस मॉडल (गांव) 40247 31280 78%

Created On :   19 April 2025 7:48 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story