Mumbai News: ड्यूटी से नदारद रहने वाले महाराष्ट्र के 442 मेडिकल अफसरों पर गिरी गाज

ड्यूटी से नदारद रहने वाले महाराष्ट्र के 442 मेडिकल अफसरों पर गिरी गाज
  • एक साल से ड्यूटी पर थे अनुपस्थित, अब हटाए जाएंगे
  • कार्रवाई करने की प्रक्रिया बीते महीने से ही शुरू

Mumbai News राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने 442 मेडिकल अफसरों के खिलाफ कठोर कदम उठाया है। ये 442 डॉक्टर अपनी नियुक्ति के स्थानों से बीते एक साल से गायब हैं। सेवाओं में इनकी अनुपस्थिति को देखते हुए इन डॉक्टरों को हटाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब राज्य सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, ग्रामीण अस्पतालों और जिला अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपनी नियुक्ति के स्थानों से गायब रहनेवाले डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया बीते महीने से ही स्वास्थ्य सेवा आयुक्तालय के जरिये शुरू की गई थी। कार्रवाई के दौरान अनुपस्थित डॉक्टरों ने जो जवाब दिए हैं वह संतोषजनक नहीं था। वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में सेवा देने की बजाय इन डॉक्टरों ने निजी प्रैक्टिस को प्राथमिकता दी थी। अपने निजी फायदे के लिए इन डॉक्टरों ने एक साल से अधिक समय तक सरकारी पदों को अवरुद्ध रखा, जो कि अवैध और अनैतिक है। इसलिए स्वास्थ सेवा विभाग ने इन्हें सेवा से हटाने का निर्णय लिया है, जिसे स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने भी अपनी मंजूरी दे दी है।

सबसे ज्यादा डॉक्टर लातूर से : 442 मेडिकल अफसरों में से सबसे अधिक 85 डॉक्टर लातूर स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हैं। इसके अलावा अकोला विभाग के 76, कोल्हापुर क्षेत्रीय कार्यालय से 27, ठाणे से 48, नागपुर से 84, पुणे से 29, छत्रपति संभाजीनगर से 25 और नासिक के 68 डॉक्टर हैं।

अधिकांश डॉक्टरों की नियुक्ति आदिवासी क्षेत्र में थी : इन 442 डॉक्टरों में से अधिकांश मेडिकल अफसरों की नियुक्ति उन क्षेत्रीय कार्यालयों में हुई थी जो आदिवासी क्षेत्र से जुड़े हैं। अकोला क्षेत्र में यवतमाल, अमरावती और वाशिम जैसे आदिवासी बाहुल्य जिले शामिल हैं।

असुविधा और बुनियादी सुविधाओं का अभाव : एक मेडिकल अफसर ने अपना न छापने की शर्त पर बताया कि जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण अस्पतालों में नियुक्ति की गई थी वहां आवाजाही के लिए यातायात सुविधा की कमी थी। इतना ही नहीं कई केंद्रों पर डॉक्टरों के रहने के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ था।


Created On :   19 April 2025 7:39 PM IST

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