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बारिश के बावजूद जलाशयों के जलस्तर में इजाफा नहीं, नागपुर समेत पूरे विदर्भ में खुशनुमा मौसम
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठवाड़ा और विदर्भ अंचल में बारिश के बावजूद जलाशयों में जलस्तर में फिलहाल इजाफा नहीं हो सका है। मराठवाड़ा के जलाशयों में सिर्फ 0.49 प्रतिशत पानी बचा हुआ है। जबकि अमरावती के जलाशयों में 6.08 और नागपुर के जलाशयों में 5.75 प्रतिशत पानी की उपलब्धता है। प्रदेश सरकार के जलसंसाधन विभाग के अनुसार रविवार को राज्य के 3267 जलाशयों में कुल 7904.45 दलघमी पानी है। प्रदेश के जलाशयों में 6.7 प्रतिशत जल भंडारण है। जबकि पिछले साल इस समय 19.11 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। जलसंसाधन विभाग के अनुसार मराठवाड़ा विभाग के 964 जलाशयों में पिछले साल के 13.21 प्रतिशत पानी की तुलना में अभी 0.49 प्रतिशत पानी है। अमरावती विभाग के 446 जलाशयों में बीते साल के 14.89 प्रतिशत पानी के मुकाबले 6.08 प्रतिशत जलसंग्रह है। नागपुर विभाग के 384 जलाशयों में 5.75 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। इस विभाग के जलाशयों में पिछले साल 11.6 प्रतिशत जलभंडारण था। नाशिक विभाग के 571 जलशायों में पिछले साल के 15.65 प्रतिशत के मुकाबले 4.73 प्रतिशत पानी है। पुणे विभाग के 726 जलाशयों में 6.84 प्रतिशत पानी है जबकि पिछले साल 21.36 प्रतिशत पानी था। कोंकण के 176 जलाशयों में बीते साल की 42.59 प्रतिशत की तुलना में 25.13 प्रतिशत पानी है। औरंगाबाद के जायकवाडी, बीड़ के मांजरा, भंडारा के गोसीखुर्द और बावनथडी बांध में जलस्तर अब भी 0 प्रतिशत है।
जलाशयों के जलस्तर की स्थिति
खिडसी – 7.21 प्रतिशत
वडगांव – 8.26 प्रतिशत
तातलाडोह - 0.01 प्रतिशत
नांद - 0 प्रतिशत
कामठी खैरी – 23.31 प्रतिशत
काटेपूर्ण - 6.48 प्रतिशत
वाण- 25 प्रतिशत
नलंगगा -6.24 प्रतिशत
निम्न मनार - 8.15 प्रतिशत
इटियाडोह - 16.04 प्रतिशत
नागपुर समेत पूरे विदर्भ में गिरा पारा
उधर नागपुर में शनिवार शाम बारिश के बाद रविवार को मौसम सामान्य रहा। उमस से परेशान शहरवासियों को शनिवार को हुई बारिश से काफी हद तक राहत मिली। बारिश होने से मौसम खुशनुमा होने के साथ ही रात को ठंडी हवाएं चली। नागपुर व आसपास के जिलों में बारिश होने से नागपुर समेत पूरे विदर्भ में तापमान में कमी आई है। बारिश के चलते कई जगह पेड़ गिरे हैं। पेड़ गिरने से सिविल लाइन्स में कार क्षतिग्रस्त हो गई। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को आसमान में बादल छाए रहेंगे और बारिश होने की संभावना है। शनिवार को हुई झमाझम बारिश से तापमान में कमी के साथ ही काफी हद तक उमस से राहत मिली। बारिश के कारण शंकरनगर पोस्ट आफिस के पास, पागलखाना चौक के पास पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ। दमकल विभाग की सूचना पर उद्यान विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ काटकर रास्ता सुचारु किया गया। सिविल लाइन्स में कार क्र. एमएच 31, सीआर 9333 पर पेड की शाखा गिरने से कार क्षतिग्रस्त हो गई। कार में कोई नहीं होने से कोई हताहत नहीं हुआ। दमकल विभाग ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य किया। बारिश के कारण रास्ते पर कई जगह पानी जमा हुआ। बारिश के कारण शाम को बाजारों की रौनक थोड़ी फीकी नजर आई। शनिवार को नागपुर का अधिकतम तापमान 36.2 व न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस रहा। बारिश से शाम के समय तापमान में कमी आई और लोग ठंडी हवा का आनंद लेते नजर आए।
उड़ानें भी हुई प्रभावित
बारिश के चलते कई उड़ानें प्रभावित हुईं। उड़ानों पर मुंबई में हुई बारिश का भी असर रहा। जानकारी के अनुसार, पुणे से आने वाला इंडिगो का विमान क्रमांक-134 करीब 2.30 घंटे देरी से, मुंबई से आने वाला इंडिगो का विमान क्रमांक-403 करीब 3 घंटे देरी से, मुंबई से आने वाला गो एयर का िवमान क्रमांक-142 आधा घंटा देरी से, मुंबई से आने वाला एयर इंडिया का विमान क्रमांक-629 करीब डेढ़ घंटे देरी से नागपुर पहुंचा। मुंबई से आने वाला इंडिगो के विमान क्रमांक-404 और पुणे से आने वाले गो एयर का विमान क्रमांक-284 के भी यहां देरी से पहुंचने की जानकारी है।
2 से 5 जुलाई के बीच होगी अच्छी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इसके 30 जून तक पूर्ण विकसित होने की उम्मीद है। इसके प्रभाव से 1 जुलाई से ही मेघों की हलचल बढ़ सकती है। 2 व 3 जुलाई को शहर व आस-पास के इलाकों में भारी वर्षा की उम्मीद है। इसका प्रभाव 5 जुलाई तक रह सकता है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 6 जुलाई को शहर पानी-पानी हुआ था। इस दौरान एक दिन में करीब 300 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
सक्रिय मानसून में देरी से बुआई में विलंब
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मानसून ने आने में कुछ ज्यादा ही देरी लगा दी है। मौसम तो बनता है पर बारिश नहीं होती। किसानों ने अपने खेत पूरी तरह तैयार कर लिए, लेकिन बारिश के अभाव में बुआई कार्य में हो रही देरी से अपनी फसलों को लेकर किसान चिंतित और परेशान है। किसानों का कहना है कि देरी से बुआई के कारण इस वर्ष भी फसलों को भारी नुकसान होना निश्चित है। कामठी तहसील अंतर्गत कामठी तथा आसपास के क्षेत्रों में किसानों की संख्या अधिक हंै। सोयाबीन, धान, कपास और गेहूं का उत्पादन करने वाले किसानोंे की संख्या तहसील में अधिक होने से मानसून की देरी से किसान काफी चिंतित है। पिछले दो माह से खरीफ की फसल को लेकर किसानों ने दिन-रात एक करके अपने खेतों को तैयार किया। पहले मौसम विभाग ने जताया कि मानसून समय पर आएगा, इससे किसानों ने बीज और खाद पहले से ही खरीद कर रख लिए। खेत पूरी तरह तैयार थे, बस इंतजार था बारिश का जो नहीं आई। तहसील में कुछ किसानों ने धान के परे और कपास की बुआई की है। लेकिन बारिश नहीं होने से इसमें भी नुकसान हो सकता है। एक तो बीज और खाद खरीदने के लिए किसानों के पास पैसा नहीं है। दूसरा तहसील के कुछ किसानों का कर्ज माफ हुआ है तो किसी का नहीं, और जिनका नहीं हुआ है उनको दोबारा बैंक कर्ज नहीं दे रही। मौसम विभाग के अनुसार 1 जुलाई से बारिश होगी, लेकिन जब तक 75 से 100 एमएम बारिश नहीं हाेती, तब तक किसान खेतों में बुआई कार्य शुरू न करें, इससे उनको नुकसान हो सकता है। यह चेतावनी बार-बार कृषि विभाग द्वारा किसानों को दी गई। कृषि विभाग के अनुसार तहसील में अभी तक 13.60 एमएम ही बारिश हुई है। धान के परे और कपास की कुछ किसानों ने बुआई की है। किसानों का मानना है कि मृग नक्षत्र में होने वाली बारिश और उस समय जो खेतों में बोया जाता है, उसका उत्पादन अच्छा मिलता है, लेकिन अब परिस्थिति विपरीत है।
लंबे इंतजार के बाद हुई झमाझम बारिश
झमाझम बारिश ने नगर परिषद द्वारा नाला तथा नालियों के सफाई कार्य की पोल खोल दी। शहर की अधिकांश नालियां पानी से लबालब भरकर नालियों का पानी सड़कों तथा लोगों के घरों में घुसने लगा, वहीं किसानों ने इस बारिश से लंबी राहत की सांस ली।
पिछले 10-15 दिनों से मौसम बेहद उमस भरा हो गया था। दिनभर गर्मी और शरीर पर चिपचिपाहट से लोग परेशान हो गए थे। मानसून की देरी से किसान खेतोें में बुआई को लेकर काफी चिंतित थे। शनिवार को दोपहर 12 बजे से ही आसमान में बदली छाई हुई थी और एकाएक दोपहर के समय करीब एक घंटे तक जोरदार बारिश हुई।
बिजली गिरी, मजदूर मृत
कामठी तहसील के गुमथला गांव में बिजली गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, गुमथला गांव में शनिवार दोपहर गरज के साथ मूसलाधार बारिश हुई। इस दौरान गांव के हरिभाऊ कलमकर नामक किसान के खेत में कुछ मजदूर काम कर रहे थे। तहसीलदार अरविंद हिंगे ने बताया कि शाम करीब 5.30 बजे के आस-पास खेत में बिजली गिरी। इसकी चपेट में आने से वहां काम कर रहे 17 वर्षीय चेतन पातोले की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। कुछ दूरी पर काम कर रहा मुकेश बाहेकर (18) गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों को गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया, जहां डाक्टरों ने चेतन को मृत घोषित कर दिया।
Created On :   29 Jun 2019 7:12 PM IST