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1 जुलाई से प्लास्टिक के ग्लास और चम्मच प्रतिबंधित, कैैरी बैग भी नहीं चलेगा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 1 जुलाई से प्लास्टिक के ग्लास व चम्मच के साथ ही कैरी बैग भी नहीं चलेगा। सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक के ग्लास व चम्मच के इस्तेमाल पर पाबंदी होगी। प्रशासन की तरफ से इस बारे में सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला स्तरीय कृति दल की बैठक में यह निर्णय हुआ है। सिंगल यूज प्लास्टिक निर्मूलन का काम मिशन मोड पर करके प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर सख्त कार्रवाई होगी। जिलाधीश कार्यालय के छत्रपति सभागृह में निवासी उपजिलाधीश विजया बनकर की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के उपप्रादेशिक अधिकारी अनंत काटोले व विविध विभागाें के विभाग प्रमुख उपस्थित थे।
जनजागृति पर जोर
उपजिलाधीश बनकर ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादन व वस्तुआें के निर्मूलन के लिए एजंेसियों को आगे आना होगा। इसके इस्तेमाल से होनेवाले दुष्परिणाम के बारे में जनजागृति करनी होगी। प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के बारे में जनता से आह्वान किया गया है। प्लास्टिक के कैरी बैग के बजाय कपड़े व कागज की थैलियों का उपयोग करना चाहिए। प्लास्टिक की थैली व कैरी बैग देने के लिए दुकानदारों के साथ जिद न करें। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के उपप्रादेशिक अधिकारी अनंत काटोले ने सिंगल यूज प्लास्टिक निर्मूलन के उपायों की जानकारी दी। जनजागृति करने के लिए विस्तृत प्रारूप तैयार किया जाएगा।
शादी समारोह या सार्वजनिक कार्यक्रमों में भोजन में कई तरह के मेनू होते हैं आैर इसके लिए प्लास्टिक के चम्मचों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। दाल-चावल खाने के लिए तो स्टील के चम्मच का उपयोग होता है, लेकिन दही-बड़ा, गुलाब जामुन, रसमलाई, रसगुल्ला आदि मिष्ठान खाने के लिए लोग प्लास्टिक के चम्मचांे का उपयोग करते हैं। 1 जुलाई से बैन लगने की स्थिति में शादी समारोह या सार्वजनिक कार्यक्रमों में इसका असर पड़ेगा। प्लास्टिक ग्लास की जगह कागज के ग्लास का विकल्प मौजूद है, लेकिन प्लास्टिक के चम्मचों के लिए फिलहाल विकल्प उपलब्ध नहीं है।
स्टील के चम्मच बार-बार उपयोग होते हैं
कई बार लोग होटल या सामूहिक कार्यक्रम में स्टील के चम्मच का उपयोग करने से बचते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि होटल या कार्यक्रम में स्टील के वही चम्मच बार-बार उपयोग में लाए जाते हैं। चम्मच धोए जाते हैं, लेकिन कैसे धाेए गए आैर कितने साफ पानी से धाेए गए, इस बारे में दावा नहीं किया जा सकता। इसकी तुलना में प्लास्टिक के चम्मच का उपयोग कर उसे फेंक दिया जाता है। गंदगी व संक्रमण से बचने के लिए लोग स्टील के चम्मच के बजाय प्लास्टिक के चम्मच को ही सार्वजनिक स्थानों पर बेहतर समझते हैं।
विदर्भ में लगभग बंद हो चुका है डिस्पोजल का काम
विशाल अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, विदर्भ प्लास्टिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के मुताबिक राज्य में पहले ही प्लास्टिक के एक बार उपयोग किए जाने वाले डिस्पोजल का काम बंद हो चुका है। इक्का-दुक्का इंडस्ट्री ही होगी, जो अब भी सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादों का निर्माण कर रही है। शहर में बिकने वाला डिस्पोजल का 90 प्रतिशत से अधिक माल दूसरे राज्यों से आ रहा है।
Created On :   29 May 2022 5:29 PM IST