जीत में अहंकार न हो, कार्यकर्ताओं के योगदान को न भूलें,उन्हीं के कारण मिली  है सत्ता

Nitin Gadkari has said that victory should not be arrogance
जीत में अहंकार न हो, कार्यकर्ताओं के योगदान को न भूलें,उन्हीं के कारण मिली  है सत्ता
जीत में अहंकार न हो, कार्यकर्ताओं के योगदान को न भूलें,उन्हीं के कारण मिली  है सत्ता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राजनीतिक सत्ता में कार्यकर्ता के योगदान को सबसे महत्वपूर्ण ठहराते हुए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जीत में अहंकार नहीं होना चाहिए। संगठन को सत्ता में लाने के लिए नेता प्रयास करते हैं। उनका योगदान भी महत्वपूर्ण है लेकिन निस्वार्थ कार्य करनेवाले कार्यकर्ताओं के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है। सत्ता का श्रेय उन कार्यकर्ताओं के योगदान व बलिदान को ही जाता है। आपातकाल के समय के घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के पुराने इतिहास को कोई न भूले। यह इतिहास प्रेरणा व संघर्ष का है।

बंगले व वातानुकूलित कैबिन में रहकर इतिहास नहीं लिखा जा सकता है। कार्यकर्ताओं के खून पसीने से संगठन का इतिहास रचा जाता है। गडकरी ने यह भी कहा कि भाजप की संगठनात्मक शुरुआत सत्ता के लिए नहीं हुई है। भाजपा का लक्ष्य सत्ता बदलना, राज बदलना ही नहीं बल्कि समाज में बदलाव व लोकतंत्र काे जीवित रखना है। बुधवार को सुरेश भट सभागृह में भाजपा के विदर्भ विभागीय विजय संकल्प सम्मेलन में श्री गडकरी बोल रहे थे। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगतप्रसाद नड्डा सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।

टिकट की अपेक्षा रखना गलत नहीं

गडकरी ने कहा कि चुनाव के समय कार्यकर्ता पार्टी से टिकट की अपेक्षा करने लगते हैं। यह अपेक्षा गलत भी नहीं है। कार्यकर्ताओं को यह लगना स्वाभाविक है कि सामाजिक कार्य करते हुए उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी भी मिलनी चाहिए। नेतृत्व भाव गलत नहीं हो सकता है। कई बार टिकट देने में चूक भी हो जाती है। लेकिन कार्यकर्ताओं को संयम रखना चाहिए। संगठन कार्य सर्वोपरि है। भाजपा में ऐसे कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक हैं जिन्हें पद नहीं मिला लेकिन जीवन भर संगठन के लिए समर्पित रहे हैं। आपातकाल के समय जनसंघ के कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया। उस समय कई कार्यकर्ता निराश हो गए । लेकिन विचारनिष्ठ कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया। जनता पार्टी का गठन सत्ता में आने के बाद हुआ था। पार्टी में ऐसे कार्यकर्ता भी हुए हैं जो नेतृत्व या पार्टी की टिकट अन्य को देने के लिए स्वयं निवेदन करते रहे हैं। आपातकाल के समय कार्यकर्ताओं में जुनून था। लोकतंत्र के प्रति आस्था थी। यह प्रेरणा हमें पार्टी की विचारधारा से मिली है। 

Created On :   18 Sept 2019 7:22 PM IST

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