नीति आयोग और मास्टरकार्ड ने ‘कनेक्टेड कॉमर्स’ रिपोर्ट जारी की डिजिटल रूप से समावेशी भारत के लिए रोडमैप बनाने में मदद मिलेगी!

NITI Aayog and MasterCard released Connected Commerce report will help create a roadmap for a digitally inclusive India!
नीति आयोग और मास्टरकार्ड ने ‘कनेक्टेड कॉमर्स’ रिपोर्ट जारी की डिजिटल रूप से समावेशी भारत के लिए रोडमैप बनाने में मदद मिलेगी!
नीति आयोग और मास्टरकार्ड ने ‘कनेक्टेड कॉमर्स’ रिपोर्ट जारी की डिजिटल रूप से समावेशी भारत के लिए रोडमैप बनाने में मदद मिलेगी!

डिजिटल डेस्क | नीति आयोग नीति आयोग और मास्टरकार्ड ने ‘कनेक्टेड कॉमर्स’ रिपोर्ट जारी की डिजिटल रूप से समावेशी भारत के लिए रोडमैप बनाने में मदद मिलेगी| नीति आयोग और मास्टरकार्ड ने आज ‘कनेक्टेड कॉमर्स’ शीर्षक नाम से एक रिपोर्ट जारी की। इससे डिजिटल रूप से समावेशी भारत के लिए रोडमैप बनाने में मदद मिलेगी। यह रिपोर्ट भारत में डिजिटल वित्तीय समावेशन की राह में चुनौतियों की पहचान करती है। साथ ही 1.3 अरब नागरिकों तक डिजिटल सेवा की पहुंच करने की दिशा में जरूरी सिफारिशें देती है। इस रिपोर्ट को नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. राजीव कुमार, सीईओ अमिताभ कांत, अर्थशास्त्र और वित्त सेल के प्रमुख और विशेषज्ञ, अजीत पाई तथा मास्टरकार्ड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और ग्रुप हेड, ग्लोबल कम्युनिटी रिलेशंस, रवि अरोरा द्वारा जारी की गई।

अक्टूबर और नवंबर 2020 में आयोजित पांच गोलमेज सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श के आधार इस रिपोर्ट में प्रमुख चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कृषि, छोटे व्यवसाय (एमएसएमई), अरबन मोबिलिटी और साइबर सुरक्षा के लिए क्षमता निर्माण पर दी गई सिफारिशें शामिल हैं। नीति आयोग के नेतृत्व में और मास्टरकार्ड द्वारा समर्थित इस विचार-विमर्श की चर्चा में सरकार, बैंकिंग क्षेत्र, वित्तीय नियामक, फिनटेक उद्यमों, और विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र के नवप्रवर्तनकर्ताओं के विशेषज्ञों ने भाग लिया। नीति आयोग इस परिचर्चा में नॉलेज पार्टनर के रूप में भागीदार था। कार्यशालाओं की श्रृंखला और परिणाम रिपोर्ट व्यापार सलाहकार फर्म एफटीआई कंस्लटिंग द्वारा क्यूरेट की गई थी।

यह रिपोर्ट गोलमेज सम्मेलन के दौरान हुई चर्चाओं को दर्शाती है। अपनी शुरुआती टिप्पणी में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. राजीव कुमार ने कहा, “प्रौद्योगिकी परिवर्तनकारी रही है, जिससे वित्तीय सेवाओं को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना आसान हुआ है। भारत में वित्तीय सेवाओं का डिजिटलीकरण तेजी से बढ़ा रहा है। इसके चलते उपभोक्ता नकदी की जगह कार्ड, वॉलेट, ऐप और यूपीआई का इस्तेमाल तेजी से कर रहे हैं। यह रिपोर्ट कुछ प्रमुख सेक्टर और क्षेत्रों पर नजर डालती है जिससे वित्तीय सेवाओं को सभी तक पहुंचाने के लिए डिजिटल रुकावटों को खत्म करने की आवश्यकता है।” विशेषज्ञों ने अक्टूबर और नवंबर के बीच डिजिटल वित्तीय समावेशन में तेजी लाने के लिए एमएसएमई को वैश्विक अवसरों का लाभ दिलाने में सक्षम बनाने, डिजिटल कॉमर्स को लेकर विश्वास और सुरक्षा बढ़ाने, भारत के कृषि-उद्यमों को कनेक्टेड कॉमर्स के लिए तैयार करने और स्मार्ट सिटी के लिए मजबूत ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

नॉलेज श्रृंखला के तहत इन महत्वूपर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया:भारतीय समाज के पिछड़े वर्गों के लिए डिजिटल वित्तीय समावेशन में तेजी लाना एसएमई को ‘भुगतान प्राप्त करने, पूंजी प्राप्त करने और डिजिटल बनने में सक्षम बनाना’ और ग्राहकों तक पहुंच बनाने के लिए निरंतर लचीलापन सुनिश्चित करना। विश्वास को बढ़ावा देने और साइबर लचीलापन बढ़ाने के लिए नीति और तकनीकी में हस्तक्षेप करना। भारत के कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण का वादा पूरा करना। सभी नागरिकों के लिए सुलभ डिजिटल रोडमैप तैयार करना। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, "कोरोना के बाद के समय में, लचीले सिस्टम का निर्माण करना और भविष्य में बदलाव करने वाले व्यावसायिक मॉडल को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है।

" “भारत वैश्विक स्तर पर डिजिटल वित्तीय सेवाओं के केंद्र के रूप में उभर रहा है, जिसमें यूपीआई जैसे समाधान काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक किफायती डिजिटल भुगतान समाधान लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। फिनटेक की कंपनियां, पारंपरिक वित्तीय सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था के काम करने के तरीके को बदलने और हमारे उद्योग के लिए जरूरी पूंजी तक पहुंच बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यह हमें भारतीय डिजिटल वित्तीय परिदृश्य को सुविधाजनक, सुरक्षित और सभी के लिए सुलभ बनाने में सक्षम करेगा।” रिपोर्ट में शामिल मुख्य सिफारिशें:एनबीएफसी और बैंकों को एक समान अवसर उालब्ध कराने के लिए पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना। एमएसएमई को अवसरों भुनाने में सक्षम करने के लिए पंजीयन और अनुपालन प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण करना और क्रेडिट स्रोतों में विविधता लाना|

Created On :   11 May 2021 3:05 PM IST

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