New Delhi News: भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को समान मानने की भावना प्रधान - बिरला

भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को समान मानने की भावना प्रधान - बिरला
  • ताशकंद में आईपीयू की 150वीं सभा में बोल रहे थे लोकसभा अध्यक्ष
  • भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को समान मानने की भावना प्रधान

New Delhi News. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत के संविधान के समावेशी और कल्याणकारी स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को समान मानने, उन्हें समान अवसर प्रदान करने तथा वंचित और पिछड़े वर्गों के लोगों को प्रगति की मुख्य धारा से जोड़ने की भावना प्रधान है। बिरला ताशकंद (उज्बेकिस्तान) में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की ऐतिहासिक 150वीं सभा में "सामाजिक विकास और न्याय के लिए संसदीय प्रयास " विषय पर मुख्य भाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता’ को ‘भारतीय न्याय संहिता’ से प्रतिस्थापित कर भारत ने न्याय की प्राथमिकता को स्थापित किया है"। विकास और सामाजिक न्याय के लक्ष्यों को प्राप्त करने में संसदीय समितियों के प्रयासों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि विभिन्न संसदीय समितियां, जिन्हें हम मिनी संसद भी कहते हैं, संसद व सरकार के प्रयासों के पूरक के रूप में कार्य करती हैं।

Created On :   6 April 2025 9:09 PM IST

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