साधारण बसों को बना दिया सुपर, यात्री परेशान, घाटे से बचाने के लिए सुविधा में भी कटौती

New way of earning - ordinary buses made super, passengers upset
साधारण बसों को बना दिया सुपर, यात्री परेशान, घाटे से बचाने के लिए सुविधा में भी कटौती
कमाई का नया रास्ता साधारण बसों को बना दिया सुपर, यात्री परेशान, घाटे से बचाने के लिए सुविधा में भी कटौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर. इन दिनों एसटी के कुछ चालक व वाहकों ने ऑर्डनरी (साधारण) बसों को सुपर बना दिया है। यानी यह बसें दो स्टॉपेज के बीच पड़ने वाले गांवों में नहीं रुक रही हैं। इससे प्रति दिन एसटी के इंतजार में रहने वाले हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नागपुर से काटोल, भंडारा, रामटेक, उमरेड, सावनेर आदि की ओर जाने वाली ज्यादातर बसें बीच में पड़ने वाले छोटे-छोटे गांवों में नहीं रुक रही हैं। उद्देश्य ज्यादा किराया कमाना है, लेकिन घाटे से उबरने के लिए एसटी महामंडल सुविधा में कटौती करने से यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। यात्रियों की मजबूरी का फायदा निजी वाहन उठा रहे हैं।

विभाग को कर रहे गुमराह
नागपुर विभाग में कुछ समय पहले तक 580 बसें विभिन्न दिशा में चलती थी। बसों की संख्या ज्यादा रहने से ऑर्डनरी व सुपर दोनों प्रकार की बसें यात्रियों की सुविधाओं के लिए चलाई जाती थीं। साधारण बसें दो मुख्य स्टेशनों के बीच पड़ने वाले गांव के स्टॉपेज पर भी रुकती थीं, जहां छोटे-छोटे गांवों के यात्री सवार होते थे। यह बसें उन यात्रियों के लिए वरदान है, जिनके पास खुद का वाहन नहीं होता है। लेकिन समय के अनुसार उन्हें खत्म किया जा रहा है। क्योंकि अब एसटी की बसें लंबे समय से चल रही हैं, वहीं पुरानी बसें भंगार हो गई है और नई बसें आई नहीं हैं। इस कारण महामंडल के पास केवल 429 बसें बची हैं। कम बसों के कारण वैसे ही शेड्यूल कम हुए हैं। इस पर अब कुछ ड्राइवर व कंडक्टर अधिकारियों को गुमराह करते हुए लाल बोर्ड को लगाकर ऑर्डनरी बसों को सुपर बना रहे हैं, जबकि ऑर्डनरी बसों को काला बोर्ड लगाया जाता है। 

यहां के लोग हो रहे परेशान 

नागपुर से काटोल की बात करें तो यहां कुल 25 छोटे गांव हैं, जहां से प्रति दिन यात्री एसटी में सवार होते हैं। इसी तरह नागपुर से रामटेक के बीच 13, नागपुर से भंडारा के बीच 40, नागपुर से उमरेड के बीच 15, नागपुर से सावनेर के बीच 16 गांव हैं। ऑर्डनरी बसों को इन सभी गांव में स्टॉप लेना पड़ता है, लेकिन अब कुछ ड्राइवर व कंडक्टर ऑर्डनरी बस में लगा काला बोर्ड हटाकर इसमें लाल बोर्ड लगा रहे हैं। वहीं, इन बसों को एक मुख्य स्टॉपेज से दूसरे मुख्य स्टॉपेज पर रुका रहे हैं। सूत्रों की माने तो वह ऐसा इसलिए करते हैं, ताकि ज्यादा टिकट काटने की झंझट न रहे, वही लंबे सफर के यात्री मिलने से किराया ज्यादा लेकर कमाई ज्यादा कर सकें, लेकिन इससे कई यात्री यहां तक स्कूली बच्चों को भी परेशान होना पड़ रहा है। 
ऐसी कोई शिकायत नहीं है

एस. गभने, विभाग नियंत्रक, एसटी महामंडल के मुताबिक हमारी जानकारी के अनुसार सभी ऑर्डनरी बसों को चलाया जा रहा है। ऑर्डनरी बसों को सुपर बस बनाकर चलाने के संदर्भ में अभी तक कोई शिकायत नहीं है। 


 

 

Created On :   13 Nov 2022 3:48 PM IST

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