राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बुनियादी बातों पर हो ध्यान: रियाज खालिक

National education policy should focus on the basics said riyaz khalik
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बुनियादी बातों पर हो ध्यान: रियाज खालिक
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बुनियादी बातों पर हो ध्यान: रियाज खालिक

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  ऑल इंडिया आइडियल टीचर्स एसोसिएशन (आईटा) के शहर अध्यक्ष रियाज खालिक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण में बुनियादी बातों की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए, इसमें प्रवेश प्रक्रिया, संतुलन, गुणवत्ता, सस्ती शिक्षा और उत्तरदायित्व का एहसास होना चाहिए। 

आरटीई- 2009 के अंतर्गत मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा जो पहले सिर्फ पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक अर्थात 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए थी, अब उसे पहली शिक्षा से बारहवीं शिक्षा के छात्रों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के रूप में दिया जाना सुनिश्चित किया गया है। श्री खालिक ने बताया कि प्रतिनिधित्व समूह के अंतर्गत इसमें मुस्लिम, एससी और एसटी तीनो वर्गो को पिछड़ा हुआ माना जाएगा। इस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत यह तीनों श्रेणियों को जहां अत्यधिक आबादी में होंगी, वहां इस क्षेत्र को स्पेशल एजुकेशनल जोन बनाया जाएगा और उनके लिए एक विशेष योजना के तहत शिक्षा की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वे जमाअत ए इस्लामी हिंद नागपुर पश्चिम के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम "नई राष्ट्रीय नीति और हमारे काम करने के काम’ विषय पर बोल रहे थे। यह कार्यक्रम जाफर नगर के टीचर्स कॉलोनी में स्थित मरकज हाल में आयोजित हुआ। 

इस अवसर पर नाजिमुद्दीन गाजी ने "शिक्षा की इस्लामी व्यवस्था" के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अल्लाह ने आदम अलै.  को शिक्षा और ज्ञान देकर दूसरे प्राणियों पर श्रेष्ठता दी थी। शिक्षा का यह सिलसिला अंतिम ईश दूत हजरत मोहम्मद सअव तक जारी रहा। लेक्चरर मोहम्मद जावेद ने "औपचारिक और व्यवहारिक शिक्षा" पर प्रकाश डालते हुए कहा कि औपचारिक शिक्षा  17 वर्ष तक की आयु तक ही सीमित रहती है। आगे का पूरा जीवन  व्यवहारिक शिक्षा पर आधारित होता है। 


 

Created On :   18 March 2020 1:50 PM IST

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