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पानी का जैसा इस्तेमाल वैसा बिल, ज्यादा इस्तेमाल ज्यादा बिल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा के आयुक्त तुकाराम मुंढे ने वर्ष 2019-20 का 2698.35 करोड़ रुपए का संशोधित और 2020-21 का 2624.05 करोड़ रुपए का प्रस्तावित बजट पेश किया है। आयुक्त ने पेश किए अपने संशोधित बजट में स्थायी समिति के बजट में करीब 500 करोड़ रुपए की कटौती की है। स्थायी समिति ने पिछले साल 3197.60 करोड़ रुपए का बजट दिया था।
वार्ड फंड सिर्फ 10 लाख
नागपुर मनपा का पहली बार बजट पेश करने वाले आयुक्त मुंढे ने अपना प्रस्तावित बजट भी अपने संशोधित बजट से करीब 74.3 करोड़ रुपए से कम दिया है। हालांकि मुंढे इसे कटौती बताने की बजाए जितना पैसा है, उतना खर्च करने की क्षमता बताते हैं। बजट में उन्होंने एक बड़ा झटका नगरसेवकों को भी दिया है। नगरसेवकों को इस साल से वार्ड फंड के रूप में सिर्फ 10 लाख रुपए की निधि मिलेगी। फिक्स प्रायरिटी के रूप में मिलने वाली अलग-अलग निधि नहीं मिलेगी।
पहले यह मिलता था
इससे पहले नगरसेवकों को 10 लाख रुपए वार्ड फंड के साथ 20 लाख रुपए सड़क काम, 12.5 लाख जोन अंतर्गत, 2 लाख चेंबर, 2 लाख सीवरेज लाइन, 2 लाख गटर लाइन, 2 लाख रुपए ढक्कन लगाने के फिक्स प्रायरिटी के रूप में मिलते थे। आयुक्त ने अब अन्य मदों से मिलने वाली फिक्स प्रायरिटी की निधि को बंद कर उसे 10 लाख तक सीमित कर दी है।
यहां से आएगा पैसा
अनुदान से 1611.74 करोड़
संपत्ति कर से 289.44 करोड़
पानी कर से 260.00 करोड़
नगर रचना से 111.20 करोड़
अन्य मदों से 274.84 करोड़
आयुक्त का तर्क
आयुक्त का कहना है कि सड़क, सीवरेज आदि कामों के लिए अन्य हेड है। इस हेड से सड़क, सीवरेज, चेंबर आदि के काम होते हैं। ऐसे में नगरसेवकों को अलग से निधि देने की आवश्यकता नहीं है। जोन बजट जैसी कोई संकल्पना भी नहीं है। सिर्फ मनपा का बजट होता है। काम को डुप्लिकेशन न हो, इसलिए यह निर्णय लिया गया। ऐसे में अब नए विवाद को भी जन्म मिलने की संभावना है।
जलापूर्ति पर टेलिस्कोपिक रेट
आयुक्त मुंढे ने अपने बजट में पानी की बर्बादी रोकने सहित मनपा की आय बढ़ाने, शहर को रहने योग्य बनाने के लिए फ्यूचर सिटी की नींव तैयार की है। शहर विकास के विजन को सामने रखते हुए तुकाराम मुंढे ने कहा कि शहर का विजन कैसा और क्या होना चाहिए, उसे पूरा करने के लिए क्या-क्या करना है, यह तय किया गया है। खासकर बुनियादी जरूरतों पर फोकस किया गया है। सबको समान जलापूर्ति करने के उद्देश्य से अब स्लैब के आधार पर पानी की बिलिंग करने का निर्णय लिया है। कोई कम पानी का इस्तेमाल करता है तो उसे कम बिल आएगा। कोई अधिक और अत्याधिक इस्तेमाल करता है तो उसे उसी हिसाब से पानी का बिल भेजा जाएगा। इसके लिए टेलिस्कोपिक रेट तैयार किया जाएगा। उद्देश्य यही है कि पानी की बचत हो ताकि सबको पानी मिले।
24 बाय 7 का उल्लेख
यही 24 बाय 7 जलापूर्ति का लक्ष्य है। इसके लिए जहां पाइपलाइन नहीं है, वहां पाइपलाइन डालने, अवैध कनेक्शन काटने, मीटरिंग करने की योजना है। संपूर्ण योजना के लिए 368 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
Created On :   17 March 2020 5:39 AM GMT