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10 महीने की बच्ची को घर छोड़ मां निभा रही कर्तव्य, बोलीं नागरिकों की सुरक्षा है फर्ज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेरी बच्ची 10 महीने की है। सुबह 7 बजे ड्यूटी पर आई हंू। घर जाते समय रात के 11 बजे जाते हैं। ऐसे में दिनभर घर से बच्ची के लिए फोन आते हैं। मेरे हसबैंड भी पुलिस में हैं और मेरे ससुर मप्र गए हैं। लॉकडाउन होने से मप्र में फंसे हुए हैं। ऐसे में अब घर में सिर्फ सासु मां हैं, जो बच्ची को संभालती हैं। यह कहना है महिला पुलिस सिपाही कृतिका साखरकर का। उन्होंने कहा कि हम नागरिकों की सेवा में तत्पर हैं, इसलिए जनता को भी हमारा साथ देना होगा। लॉकडाउन के समय घर से बाहर न निकलें। रात में घर पहंुचती हंू, तो बच्ची सो जाती है और सुबह ड्यूटी पर आती हंू ,तो भी वो सोई रहती है। ऐसे में उसको ठीक से प्यार भी नहीं कर पाती हंू। हमेशा देखा गया है कि पुलिस का नाम आते ही निगेटिव सोच आ जाती है।
पुलिस की मदद करें
इन दिनों कोरोना के कारण जहां हर कोई अपने परिवार के साथ समय बिता रहा है, वहीं 300 से अधिक महिला पुलिस 24 घंटे अपनी सेवाएं दे रही हैं। भास्कर ने शहर की महिला पुलिस कर्मियों से चर्चा की, तो उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। ऐसी काफी महिला पुलिसकर्मी हैं, जो घर-परिवार को छोड़ ड्यटी कर रही हैं। महिला पुलिस कर्मियों का नागरिकों से अनुरोध है कि पुलिस की सहायता करें। वे अापकी सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर हैं। कोरोना के बचाव के लिए जरूरी है कि सोशल डिस्टेंस बनाए रखें।
हसबैंड और सास-ससुर मिलकर संभाल रहे
पुलिस सिपाही कीर्ति श्रीवास ने बताया कि जिस तरह समाज के लिए हमारा फर्ज है, उसी तरह घर के लिए भी हमारे फर्ज हैं। हम एक मां, बहू, पत्नी और बहन भी हैं, लेेकिन इन दिनों हम सभी का एक ही उद्देश्य है, शहरवासियों की सुरक्षा। ऐसे में सभी नागरिकों को हमारा साथ देना चाहिए। तभी हम कोरोना जैसी महामारी पर काबू पा सकेंगे। जिसको बहुत ही जरूरी है वही घर से बाहर निकले। वैसे भी सभी लोग अपने-अपने काम में बिजी रहते हैं, ऐसे में यह अच्छा मौका है परिवार के साथ समय बिताने का। मैं अपनी ड्यूटी के कारण 2 साल की बेटी को समय नहीं दे पा रहीं हूं। हसबैंड और सास-ससुर मिलकर बेटी को संभाल रहे हैं। सभी नागरिकों से मेरी गुजारिश है कि कोरोना पर काबू पाने के लिए एक-दूसरे से करीब 1 से 2 मीटर दूरी बनाए रखें।
बच्चों का आता है फोन
पुलिसकर्मी संगीता कालबंडे, छाया परतेते, ज्योति अहिरकर ने बताया कि कोरोना के कारण बच्चों की भी छुट्टियां लग गई हैं। हमें तो ड्यूटी करनी है। घर से बार-बार बच्चों का फोन आता है कि मम्मी घर कब आओगी। वे पड़ोसी के घर का उदाहरण देते हैं, उनकी मम्मी तो पूरे समय घर पर रहती है। आप रात में इतनी देर से घर आती हो। कई बार तो ऐसा होता है कि हम घर पहंुचते हैं और बच्चे सो जाते हैं। सुबह उनके उठने के पहले ही ड्यूटी पर आ जाते हैं। पिछले कुछ दिनों से तो बच्चों से फोन पर ही बात हो रही है। हमें उनसे मिलने का भी समय नहीं मिल पा रहा है।
Created On :   25 March 2020 10:18 PM IST